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पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर सिकन्दरपुर बाजार पूरी तरह रहा बंद



व्यापारिक संगठनों और छात्र संगठनों ने किया बंद का समर्थन

✍️सनोज कुमार

सिकन्दरपुर,बलिया। 

पेपर लीक मामले में फर्जी तरीके से गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर पूरें जनपद में आंदोलन तेज हो गया है। इस मामले में पत्रकारों का गुस्सा दिन-ब-दिन उग्र होता जा रहा है। बलिया के निर्दोष पत्रकारों की रिहाई एवं डीएम और एसपी के निलंबन की मांग को लेकर ‘संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले 16 अप्रैल दिन शनिवार को फूलों की नगरी कहे जाने वाले नगर सिकन्दरपुर में भी बाजार पूरी तरह से बंद रहा।



 विभिन्न व्यापारी संगठनों के अलावा छात्र संगठनों व भाकपा माले की ओर से भी बंद को सफल बनाने के लिए अपना पूर्ण समर्थन दिया। बंद को सफल बनाने के लिए स्थानीय पत्रकार, व्यापारी और छात्र संगठनों की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई थी। बंद को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए स्थानीय पत्रकार, व्यापारी व छात्र संगठनों के दर्जनों लोग शनिवार की सुबह से ही सिकन्दरपुर की सड़को पर उतरकर दुकानदारों से निवेदन कर पत्रकारों के हित में एक दिन का व्यापारिक बंदी में सहयोग करने की अपील की, जिस पर दुकानदारों नें भी 'संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा’ का समर्थन करतें हुए अपनें प्रतिस्ठानों को बंद रख संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा का समर्थन किया। वहीं बाजार बंद होने के कारण खरीदारी करने आएं क्षेत्रीय उपभोक्ताओं को कुछ कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा तथा बैरंग बाजार से वापस लौटना पड़ा। बताते चलें कि इंटर अंग्रेजी परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक हो गया था। इसका खुलासा होने पर 30 मार्च को जिला प्रशासन की ओर से तीन पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई।


 इस मामले की स्वतंत्र जांच और बलिया डीएम-एसपी के निलंबन की मांग को लेकर पत्रकारों का संगठन आंदोलित है। जैसे-जैसे आंदोलन लंबा खिचता जा रहा है। वैसे ही विभिन्न संगठनों की ओर से अब संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा को समर्थन भी मिलता जा रहा है। इस दौरान सभी स्थानीय पत्रकारों ने एक सुर में कहा कि बलिया जिला प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश हो गया है और पेपर लीक मामले में जनपद के बेगुनाह पत्रकारों को फर्जी फंसा कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को चुप कराना चाहता है जो निंदनीय है। कहां की पत्रकार भी अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं और यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा।


 
जरूरत पड़ी तो पत्रकार जेल भरो आंदोलन के लिए भी पूरी तरह तैयार है। 


इस दौरान मुख्य रूप से माले नेता श्री राम चौधरी, भागवत बिन, नियाज अहमद, जय प्रकाश शर्मा, गौतम वर्मा, मोहम्मद कलीम, भोला पासवान, कृपा शंकर वर्मा, अमरनाथ शर्मा, अतुलेश यादव, पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि संजय जयसवाल, सुजीत मोदनवाल, प्रयाग चौहान, विजय जायसवाल, अनूप, दीपक, मनोज जायसवाल, नथुनी शर्मा, जितेश वर्मा, जितेंद्र सैनी, चंचल राय, धनंजय, ईश्वर जायसवाल, शंभू नाथ मिश्रा, अजय तिवारी, अजित पाठक, रमेश जायसवाल,  संतोष शर्मा, घनश्याम तिवारी, धीरज मिश्रा, संजीव सिंह, रजनीश श्रीवास्तव, अभिषेक तिवारी "गोपी", अरविंद पाण्डेय, आरिफ अंसारी, विनोद गौतम, ज्ञान प्रकाश, सनोज गौतम, अंगद कुमार, डी प्रसाद, समीर राजभर, इमरान खान, मनीष गुप्ता, रजनीश कुमार, अतुल राय, अनिल तिवारी, लड्डन जी, आशुतोष पाण्डेय, शैलेन्द्र गुप्ता, निकेश राय, गौहर, तौहीद, आसिफ उर्फ पप्पू, जितेंद्र राय, दिलीप सिंह, निर्भय यादव, नवीन सिंह, दिनेश जायसवाल, बख्तियार खान, मोहम्मद कलाम, विनोद कुमार, सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे। आदि मौजूद रहें।


वरिष्ठ समाजसेवी नें पत्रकारों को ससम्मान कराया भोजन-

संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा द्वारा सिकन्दरपुर नगर में बंदी सफल होने के उपरांत पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि व वरिष्ठ समाजसेवी संजय जायसवाल ने सभी पत्रकारों को ससम्मान दोपहर का भोजन कराया। इस दौरान सभी पत्रकारों ने बंदी को सफल बनाने के लिए सभी व्यापारियों व वरिष्ठ समाजसेवी संजय जायसवाल का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। इस दौरान वरिष्ठ समाजसेवी संजय जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को हम लोग किसी भी हालत में कभी ध्वस्त नहीं होने देंगे। कहा कि पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे आंदोलन में हमारा समाज कदम से कदम मिलाकर चलने का काम करेगा

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