बलिया, डेस्क:- जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में सेवारत प्राचार्य हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था.सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया द्वारा प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में पांच दिवसीय सेवारत प्राचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला (20-24 अप्रैल 2022) का आयोजन किया गया. कार्यशाला के प्रथम दिवस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की बारीकियों से सभी प्रतिभागी प्राचार्यों को अवगत कराया गया.
कार्यशाला के प्रथम एवं द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर से एसोसिएट प्रोफेसर (डॉ.) श्री कृष्ण राय सम्मिलित हुए. डॉ. राय ने NEP 2020 : A vision for a New Nation पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि अभी तक की शिक्षा व्यवस्था मैकाले के उस नीति पर आधारित थी जिसमें केवल अनुवादकों की उत्पत्ति अधिक होती है जबकि वैचारिक रूप से उसकी गुणवत्ता नगण्य थी. वर्तमान की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इसी दोष को परे करते हुए सृजनात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि NEP 2020 उन guidelines का संगठित रूप है जो शिक्षा के विकास में गुणवत्तापरक योगदान देगा. इस नीति के तहत विद्यार्थियों के उन सृजनात्मक वर्षो पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है जो प्रायः उपेक्षित कर दिए जाते हैं. उन्होंने मल्टीपल एंट्री व एक्सिट व्यवस्था, एन. आर. एफ. के विषय में विस्तार से सभी प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह नीति एक तरह से छात्रों को परीक्षा के भय से, पाठ्यक्रम के भय से मुक्त भी करती है. सत्र की समाप्ति पर दूजा देवी पी. जी कॉलेज के प्राचार्य श्री केशव सिंह ने शिक्षक व छात्रों को अति व्यस्त कर देने वाली नीति कहीं छात्रों की मौलिकता को दबा ना दे संबंधी शंका भी जाहिर की. जिसको यथा सम्भव अपने उत्तर से दूर करने का प्रयत्न मुख्य वक्ता श्री कृष्ण राय जी ने किया.
तृतीय सत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के समन्वयक डॉ. रमा कांत सिंह ने सी. बी. सी. एस. व्यवस्था (Choice Based Credit System) पर सभी प्रतिभागी प्राचार्यों को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने प्रत्येक पाठ्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए क्रेडिट निर्धारण व्यवस्था के साथ ही उससे संबंधित मूलभूत जानकारी सभी प्रतिभागी प्राचार्यों के साथ साझा की. डॉ. सिंह ने इस पद्यति के मह्त्व, स्टूडेंट परफार्मेंस, लर्निंग आउटकम, इंटरप्रेन्योरशिप स्किल, कान्टैक्ट हॉर्स, इनोवेशन, क्रिएटिविटी एन्ड टैलेंट के और विविध पाठ्यक्रमों के क्रेडिट आधारित प्रारूप पर विस्तार से चर्चा की तथा प्रतिभागियों के प्रश्नों का समुचित उत्तर भी दिया. कार्यक्रम की समाप्ति धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुयी.
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिसर से निर्देशक शैक्षणिक, डॉ. पुष्पा मिश्रा, समाज कार्य विभाग, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. प्रियंका सिंह, समाजशास्त्र विभाग, असिस्टैंट प्रोफेसर नीति कुशवाहा समाज कार्य विभाग, असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. राघवेन्द्र पाण्डेय, असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. रंजीत कुमार पांडेय, तथा संबद्ध महाविद्यालयों से प्राचार्य डॉ. विजय कुमार पांडेय, डॉ. अवधेश कुमार चौबे, डॉ. सतीश धर दुबे, डॉ. अन्नपूर्णा राय, डॉ. परमेश्वर पाण्डेय डॉ. टी. एन. सिंह, डॉ. केशव सिंह, डॉ. जितेंद्र प्रसाद सिंह आदि उपस्थित रहे।
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