बलिया डेस्क।
जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के सभागार में पर्यटन विभाग द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज डे (विश्व धरोहर दिवस) के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर कल्पलता पाण्डेय जी के संरक्षण में हुआ. कार्यक्रम में कुलसचिव श्री एस. एल. पाल जी भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राएँ तथा शिक्षक गण सम्मिलित हुए.
सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि
डॉ. प्रियंका सिंह,
समाजशास्त्र विभाग ने विश्व धरोहर दिवस पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि धरोहरों को सामाजिक मूल्यों से जोड़कर उनकी सुरक्षा करनी चाहिए. साथ ही प्रत्येक धार्मिक सांस्कृतिक स्थलों के विषय में सभी को जागरूक करना चाहिए.
कार्यक्रम के आयोजक पर्यटन विभाग के सहायक प्राध्यापक
रंजीत कुमार पांडेय
ने विश्व धरोहर दिवस पर ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों की महत्ता बताते हुए सभी प्रतिभागियों को 5C concept - credibility, conservation, capacity building, communication, communities के विषय में अवगत कराते हुए कहा कि प्रत्येक स्थल पर पर्यटक एक निश्चित संख्या में ही आने चाहिए जिससे कि उनकी पहचान और सुरक्षा बरकरार रखी जा सके. उन्होंने महाबलीपुरम, अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, कोणार्क सूर्य मंदिर, काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क, गोवा के चर्च और कन्वेंटस्, खजुराहो के मंदिर, फतेहपुर सिकरी का पंच महल, लालकिले, चोला के मंदिर, एलीफैन्टा की गुफाएं, जंतर-मंतर, हुमायूं का मकबरा, कुतुबमीनार, रानी की वाव, समेत 40 राष्ट्रीय धरोहर स्थलों के ऐतिहासिक महत्व और खूबियो से सभी को रुबरु कराया.
कार्यक्रम में समाज कार्य विभाग की छात्रा
अंकिता सिंह
ने काव्य पाठ के माध्यम से धरोहरों की महत्ता से सभी को अवगत कराया.
कार्यक्रम में उपस्थित सहायक प्राध्यापक
डॉ. अपराजिता उपाध्याय
ने विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर विभाग के छात्रों को विभिन्न धरोहर स्थलों, स्मारकों के संरक्षण में वैयक्तिक स्तर पर श्रम के रूप में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित किया.
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक नीति कुशवाहा ने किया.
कार्यक्रम में मिहिर देव सिंह, निखिल सिंह, अश्वनी प्रताप सिंह, अभिषेक तिवारी ने प्रतिभाग किया. तथा विश्वविद्यालय परिसर से डॉ. खुशबू दुबे, डॉ. लाल विजय सिंह, डॉ. राघवेन्द्र पाण्डेय, डॉ. शकुंतला श्रीवास्तव, डॉ. तृप्ति तिवारी, शैलेन्द्र कुमार सिंह, अतुल कुमार, वंदना सिंह यादव, अन्यास सिंह, ऋतम्भरा, नलिनी सिंह, डॉ. प्रमोद शंकर पाण्डेय, डॉ. मिथिलेश सिंह, आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे.
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