सिकन्दरपुर,बलिया।
(इमरान खान/मनीष गुप्ता)
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मनियर मार्ग पर स्थित वरिष्ठ पत्रकार व लोकतंत्र सेनानी श्री शम्भूनाथ मिश्रा के आवास से बुधवार की दोपहर को, बलिया जनपद के तीन पत्रकारों के गिरफ्तारी के विरोध में संयुक्त पत्रकार संघ सिकन्दरपुर तहसील इकाई के समस्त पत्रकारों नें रूट मार्च कर तहसील पहुंच जमजर नारेबाजी की तथा निर्दोष तीनों पत्रकारों के रिहाई के लिए उपजिलाधिकारी सिकन्दरपुर प्रसांत कुमार नायक के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम पत्रक सौंपा।
बलिया जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न के सम्बन्ध में दिए गए ज्ञापन में विनम्र निवेदन के साथ अवगत कराया है कि यूपी बोर्ड प्रश्न पत्र लीक मामले में जनपद के तीन निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा (अमर उजाला), दिग्विजय सिंह (अमर उजाला), व मनोज गुप्ता (राष्ट्रीय सहारा) को जेल गया है। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने अपनी गर्दन बचाने के लिए यह कार्यवाई की है।
बलिया में यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र लगातार आउट हो रहे थे। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को थी। आपको बताना जरूरी है कि हाईस्कूल संस्कृत विषय की परीक्षा शुरू होने के पहले ही उसकी हल कॉपी वायरल होने की जानकारी जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को थी, फिर भी उसी प्रश्न पत्र पर परीक्षा कराई गई।
संस्कृत का प्रश्न पत्र आउट होने की खबर को सभी प्रमुख समाचार पत्रों आदि ने प्रकाशित/प्रसारित किया था। इसी बीच, 29 मार्च की रात को इण्टर अंग्रेजी का भी प्रश्न पत्र आउट हो गया। इसकी परीक्षा 30 मार्च को दूसरी पाली में होनी थी। 30 मार्च को ही अमर उजाला ने आउट प्रश्न पत्र के चित्र के साथ समाचार प्रकाशित कर दिया। समाचार प्रकाशित होने पर शासन ने संज्ञान लिया और 24 जिलों में परीक्षा रद्द कर दी। बलिया जिला प्रशासन से शासन सवाल-जबाब करने लगा।
नतीजा यह हुआ कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए जिला प्रशासन ने 30 मार्च को दोपहर 12 बजे के करीब अमर उजाला के बलिया कार्यालय से शिक्षा विभाग की वीट देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्री अजीत ओझा को पुलिस से जबरदस्ती उठवा लिया और सायंकाल मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
अगले दिन अमर उजाला अखबार से जुड़े नगरा के रिपोर्टर दिग्विजय सिंह और राष्ट्रीय सहारा के मनोज गुप्ता को भी पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आलम यह है कि जिला प्रशासन आज तक यह नहीं बता सका है कि गिरफ्तार पत्रकारों का क्या दोष है।
हम कलमकारों की मांग है कि :(1) निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाए।(2) निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाय।(3) लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दमन किए जाने की नियत से की गई कार्यवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही हो । (4) पेपर आउट मामले की उच्चस्तरीय जॉच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, ताकि आगे से कोई भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके। जॉच में जिले के पत्रकार शासन का पूरा
सहयोग करने को तैयार है।
इस दौरान शंभू नाथ मिश्रा, मुस्ताक अहमद, वृजेंद्र नाथ सिंह, चुन्नी लाल गुप्ता, नारायण पाण्डेय, अजय तिवारी, घनश्याम तिवारी, धीरज मिश्रा, अजीत पाठक, रमेश जायसवाल, रजनीश श्रीवास्तव, अभिषेक "गोपी", अभिषेक तिवारी, अरविंद पाण्डेय, अखिलेश यादव, आरिफ अंसारी, विनोद गौतम, ज्ञान प्रकाश, सनोज गौतम, अंगद कुमार, डी प्रसाद, समीर राजभर, इमरान खान, मनीष गुप्ता, अतुल राय, अनिल तिवारी, आशुतोष पाण्डेय, गोपाल प्रसाद गुप्ता, शैलेन्द्र गुप्ता, संजीव सिंह, निकेश राय, आसिफ, गौहर, तौहीद, आसिफ उर्फ पप्पू, पप्पू सिंह, जितेंद्र राय, डी प्रसाद, दिनेश जायसवाल, दिलीप सिंह, निर्भय यादव, नवीन सिंह, निलेश राय, बख्तियार खान, सलाम, हेमन्त राय, हसन जी व विनोद कुमार, बख्तियार खान, आसिफ समेत दर्जनों पत्रकार शामिल रहें।
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