बलिया, उत्तर प्रदेश।
(बलिया24न्यूज़)
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय स्वामीनाथ सिंह की 45 वी पुण्यतिथि कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत श्री स्वामी नाथ सिंह सुरेंद्र महाविद्यालय धर्मपुर काजीपुर के सभागार में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं एवं क्षेत्र के गणमान्य लोगों नें अपनी उपस्थिति दर्ज की।
कार्यक्रम की शुभारंभ अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया ततपश्चात कुमारी विनीता पटेल नें सरस्वती वंदना पेश किया।
स्वागत गीत शशि प्रभा यादव ममता यादव एवं सरिता यादव के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में सकीना खातून द्वारा श्रद्धांजलि गीत हमनी के छोड़ी के नगरिया ए बाबा की शानदार प्रस्तुति पर सभागार में उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के संस्थापक इंजीनियर एस०बी० सिंह नें सेनानी स्वामीनाथ सिंह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन दिनों को याद कराया जब अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आजादी की लड़ाई में सेनानियों ने अपना सर्वस्व निछावर कर देश को आजाद कराया।
उन्होंने नें कहा कि आजादी की लड़ाई में श्री स्वामी नाथ सिंह जी नें अपना अहम योगदान दिया था।
और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपना सब कुछ आंदोलन में झोंक दिया ,अपनी शिक्षा, घरेलू कार्य, सब कुछ ताक पर रखते हुए महात्मा गांधी जी के द्वारा चलाए गए आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई।
तब जाकर हमारा देश गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ ऐसे महान सेनानियों का हमेशा सम्मान होना चाहिए और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलकर ही हम अपने देश को समृद्धशालीऔर विकसित बना सकते हैं ।और स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रख सकते हैं श्री।
स्वामी नाथ सिंह गुलाम भारत में पैदा हुए एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे परंतु उनकी वाकपटुता और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपने हाईस्कूल की परीक्षा को तिलांजलि देने के पश्चात क्षेत्रीय लोगों को यह विश्वास हो गया यह लड़का एक दिन क्षेत्र से अंग्रेजी हुकूमत को अपने चिर परिचित लड़ाई के अंदाज में उखाड़ फेंकेगा और यह नये आजाद भारत का नींव रखेगा।
तत्पश्चात 1947 में आजादी के बाद इनको उपनाम नेताजी क्षत्रिय लोगों के द्वारा दिया गया सन 1952 से लेकर जीवन के अंत समय तक अपने पैतृक गांव महाथा पार के आजीवन प्रधान रहें।
अपनी हठी स्वभाव के कारण ही इन्होंने उस समय के कांग्रेस दल के पीसीसी की सदस्यता के चुनाव के लिए उस जमाने के संभ्रांत और इस क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों में शुमार ठाकुर शिवमंगल सिंह को हरा दिया।
और इस क्षेत्र के लिए कांग्रेस पार्टी की पहली पसंद बनकर उभरे अपने जीवन काल में अपनी देखरेख में इन्होंने कई शिक्षण संस्थानों का संचालन करवाया तथा कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।
अस्वस्थता के कारण 21 जनवरी सन 1977 को यह वीर सेनानी इस लोक को छोड़कर परम लोक को सिधार गये आज उस महान सेनानी की याद में यह महाविद्यालय संचालित भी हो रहा है तथा महाविद्यालय का लक्ष्य छात्र-छात्राओं में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए अग्रसर है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में नेहा भारती ,सीमा भारती, रिंकी यादव ,सुभाषिनी ,जयंती शर्मा, विवाह वर्मा ,सुजीत कुमार, अजय कुमार इत्यादि छात्र-छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी वक्ताओं में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विनीत कुमार श्रीवास्तव , राम प्रसाद वर्मा जी ,राज देव सिंह जी, डॉ पवन कुमार तिवारी जी ,शंभू नाथ तिवारी जी ,इत्यादि लोगों ने अपने विचार रखे कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्र के आदरणीय श्री रामा शंकर दुबे जी और संचालन बृजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने किया कार्यक्रम में आगंतुक सभी अतिथियों के प्रति महाविद्यालय के प्रबंधक श्री दिनेश सिंह जी के द्वारा आभार प्रकट किया गया ।
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