बलिया, उत्तर प्रदेश।। (डेस्क न्यूज़) सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के कठौड़ा गांव में 10 महीने पहले बने पुलिया का एप्रोच मार्ग न बनाने से क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
एप्रोच मार्ग में हो रही देरी के कारण डूंहा विहरा, मझौलिया,मुइयाँ,नरहनी, झोरीडीह,भीमहर आदि दर्जनो गांव का सम्पर्क भी टूट गया है।
वही पुलिया के उस पार खेती के लिए जाने वाले किसानों का आना जाना है बंद हो गया है खेती करने के लिए गांव के किसानों को कई गांव से होकर लगभग 20 से 22 किलोमीटर की दूरी तय करके जाना पड़ता है।
इस संबंध में गांव निवासी श्री भगवान राय ने बताया कि फरवरी माह से पुल का निर्माण कार्य शुरु कराया गया, जो कि अप्रैल माह में जाकर पूरा हुआ है।
उन्होंने बताया कि ठेकेदार के लापरवाही से किसानों की हजारों एकड़ खेती बर्बाद हो रही है, पुलिया चालू ना होने के कारण जो फासला आधा से 1 किलोमीटर का है उसको 20 से 22 किलोमीटर की दूरी तय कर कर निजी साधन से जाना पड़ता है जिसमें हजारों रुपए का खर्च किसानों को अलग से देना पड़ जाता है।
जिन किसानों ने खरीफ में खेत की बुवाई की थी अब उनको वहां से अपना अनाज लाने में भी सोचना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि हम लोगों ने सोचा था कि खरीफ की फसल काटे जाने तक पुलिया का एप्रोच मार्ग तैयार कर दिया जाएगा परंतु ठेकेदार के द्वारा अभी तक मार्ग को चालू नहीं कराया गया। अब अनाज से ज्यादा भाड़ा खर्च लग जाएगा घर तक लाने में।
उन्होंने बताया कि अब रवि की फसल बुवाई में भी देरी होने के आसार नजर आ रहे हैं।
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा घटिया मटेरियल का इस्तेमाल करके पुलिया का निर्माण किया गया है।
कठौड़ा गांव निवासी बलिन्दर कुमार राय नें बताया है कि जब से निर्माण हो रहा है ठेकेदार तो आया नहीं कभी यहां पर परंतु उनके कारिंदे ने यह बतलाया था कि मार्च महीने में फुल व पुल के एप्रोच मार्ग का निर्माण कार्य कंप्लीट कर दिया जाएगा।
परंतु फिर भी इनके द्वारा काम पूरा नहीं किया गया कहा कि मई में पूरा तैयार कर दिया जाएगा उसके बाद मई में इन लोगों के द्वारा काम बंद कर दिया गया जिसके बाद अब तक इन लोगों ने कोई काम यहां नहीं किया।
वही ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार का तो मोबाइल हमेशा स्विच ऑफ ही रहता है। वही जे ई को बार-बार फोन करने के बाद शनिवार को जेई तथा ठेकेदार दोनों साथ में आए हुए थे। जिसमें ठेकेदार ने बतलाया कि मैं पहली बार इस साइट पर आया हुआ हूं। इस पर ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि बताइए जिस ठेकेदार के अंडर में यह पूरा निर्माण कार्य होना था वह ठेकेदार ही यहां आया तक नहीं था। वही ग्रामीणों ने बतलाया की जय द्वारा यह बताया गया था कि रविवार को मिट्टी फेंकने का काम शुरू करा दिया जाएगा परंतु रविवार को भी कोई सरकारी अमला यहां देखने को नहीं मिला।
इस संबंध में विभाग के एई से फोन द्वारा पूछे जाने पर बताया है कि जिस क्षेत्र में यह पुल बन रहा है उस क्षेत्र में जल स्तर के बढ़ जाने से मिट्टी नहीं मिल रहा था अब मिट्टी के लिए बात कर ली गई है,10 दिन के अंदर एप्रोच मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा।
पुल के निर्माण में हो रही देरी के कारण गांव के श्री भगवान राय के 3 एकड़, बलिंदर राय का 4 एकड़, जितेंद्र राय का 2 एकड़, प्रदीप दुबे का 3 एकड़, आनंद राय का 3 एकड़, राजेश राय का 6 एकड़ दिवेश राय का 3 एकड़ सच्चिदानंद राय का 3 एकड़, नितेश राय का 2 बीघा कृष्ण मोहन राय का 3 एकड़,सहित सैकड़ों किसानों के रवि के फसल बोए जाने की उम्मीद भी खत्म होती हुई दिखाई दे रही है।
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