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सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा अपनी पार्टी का विस्तार किया



पटना बिहार।

बिहार मंथन डेस्क।

 सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया की ओर से दो दिवसीय प्रदेश प्रतिनिधि परिषद् की बैठक होटल रिपब्लिक में संपन्न हुई।

 बैठक में विभिन्न जिलों से आए हुए ज़िला समिति के पदाधीकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. बैठक का आरंभ अभिवादन से किया गया जिसके बाद राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल माजिद ने उद्घाटन करके पुनः भाषण दिया. 

एहसान परवेज़ विगत तीन वर्षीय पार्टी की गतिविधि रिपोर्ट पेश किया  और नसीम अख्तर ने बिहार की सामाजिक राजनैतिक रिपोर्ट प्रस्तुत किये गए जिस पर प्रनिधियों द्वारा विस्तृत चर्चा भी की गई.

 पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल मजीद ने प्रवेक्षक और प्रदेश प्रभारी रियाज़ फरंगीपेट ने निरीक्षक के रूप अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन करते हुए पार्टी की प्रदेश समिति तथा पदाधिकारियों का चुनाव किया.

 चुनाव के दौरान सभी जिलों के अध्यक्ष और पूर्व प्रदेश समिति के सभी सदस्य भी उपस्थित रहे. दुसरे दिन नवनिर्वाचित प्रदेश समिति की घोषणा की गई और उनका स्वागत किया गया.

 पदाधिकारियों में प्रदेश अध्यक्ष शमीम अख्तर, प्रदेश महासचिव एहसान परवेज़, प्रदेश उपाध्यक्ष बिरेन्द्र दास और कौसर बानू, प्रदेश सचिव मंज़र आलम और नसीम अख्तर और प्रदेश कोषाध्यक्ष ज़मील अख्तर के नामों की घोषणा की गई. घोषणा के पश्चात शमीम अख्तर ने अध्यक्षीय भाषण दिया. दो दिवसीय कार्यक्रम में सर्वसम्मति से निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गए. 

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया बिहार सरकार से माँग करती है कि बिहार विशेष सशक्त पुलिस अधिनियम 2021 वापस लिया जाए. यह काला कानून बिहार के लोगों को मंज़ूर नहीं है.

पार्टी माँग करती है कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय शिक्षा पालिसी को बिहार में लागु न किया जाए.

बिहार सरकार से मांग है कि मोब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाये और उसके अपराधियों को कड़ी सज़ा दी जाए. साथ ही साथ मोबलिंचिंग की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाए.

हम यह भी मांग करते हैं कि किसानों के विरोध को देखते हुए संशोधित किसान बिल वापस लिया जाए और आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों को उचित मुवाज़ा दिया जाए.

हम यह भी मांग करते हैं कि सरकार चुनाव के दौरान किये गए रोज़गार देने के वादे को पूरा करे.

बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए.

सीमांचल के विकास के लिए विशेष पैकेज का एलान किया जाए.

पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया तथा किशनगंज के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस का फण्ड रिलीज़ किया जाए.

बिहार में बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर नियंतरण के लिए ठोस क़दम उठाया जाए.

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