बलिया, उत्तर प्रदेश।
रिपोर्ट/मोहम्मद सरफराज
जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में जिला जज आलोक त्रिवेदी का विदाई व सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कोर्ट परिसर में तैनात न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं व कर्मचारियों ने जिला जज को भावपूर्ण विदाई दी। मशहूर शायर उस्मान काविश ,ने अपने दिल की बात को जज साहब के सामने ये कहते हुए गज़ल पेश कि जज साहब मेरी गज़ल के एक एक लफ्ज़ के साथ इंसाफ कीजिएगा, और अपनें लफ़्ज़ों को गज़ल में पिरो कर सबके सामने पेश करते हुए कहा ,,,,,,,,
के- "वो मेरा घर जलाना चाहता है, मगर कोई बहाना चाहता है "
'' मेरी बेटी का रिश्ता तोड़ कर वो कोई ऊंचा घराना चाहता है,,
बेहतरीन लहजे में गज़ल पेश की गई तो जज साहब समेत वहां मौजूद सभी लोगों ने ग़ज़ल के एक -एक शेर का तालियां बजाकर स्वागत किया ।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो कि बलिया की उर्वरा माटी में काम करने का मौका मिला। जिला जज नेजिले के लोगों व कर्मचारियों से मिले सहयोग के लिए धन्यबाद ज्ञापित किया। उन्होंने बलिया में किए गए कार्यों पर विस्तार से चर्चा किया।
अपने विदाई से अभिभूत जिला जज आलोक त्रिवेदी ने कहा कि बलिया जनपद में रहकर मैंने जो न्यायिक कार्य किया है वह बहुत ही बढ़िया रहा है यहां के लोगों ने हमें जो सहयोग दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता कहां की अपने न्यायिक अधिकारियों से अपने अनुभव को साझा करते हुए अधिवक्ता बलिया जनपद के सम्मानित अधिकारियों ने जो सहयोग दिया है उसके चलते हम लोगों ने बहुत से मामलों को समय रहते मिटाया है लोक अदालत के जरिए भी हमने रिकॉर्ड बनाए हैं इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने जिला जज को विदाई देते हुए कहाकि बलिया जनपद में न्यायिक अधिकारियों को जो सम्मान मिला उससे हम लोगों के अंदर कार्य करने की क्षमता का और विकास हुआ है। ऐसे में हम सभी को मिलजुल कर कार्य करने चाहिए। इस मौके पर जिला जज एवं उनकी पत्नी को स्मृति चिन्ह अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। इस मौके पर अधिवक्ताओं के साथ साथ जनपद न्यायालय में तैनात न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
आलोक त्रिवेदी जिला व सत्र न्यायाधीश बलिया
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