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किसानों को राहत देना तो दूर,कोई प्रशासनिक अमला आज तक गांवो में घूमने तक नहीं गया -जियाउद्दीन रिजवी



सिकन्दरपुर,बलिया।

घाघरा नदी के किनारे  गांवो में रहने वाले किसानों की हालत बहुत दयनीय हो गई है। किसानों की फसल कहीं बाढ़ से तो कहीं जलजमाव से खत्म हो चुकी है। प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देख रहा है।

  रिपोर्ट-इमरान खान  

 उक्त बातें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी ने बाढ़ से पीड़ित इलाके का दौरा करने के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। 

उन्होंने बताया सिसोटार से लेकर निपनिया तक घाघरा के कटान से हजारों बीघा जमीन घाघरा नदी में समाहित हो चुकी है। किसानों को राहत देना तो दूर की बात है। कोई प्रशासनिक अमला आज तक गांवो में घूमने तक नहीं गया है।घाघरा के पानी घटने के बाद इन गांवों में संक्रामक बीमारियों का फैलने का खतरा बढ़ गया है।

 समाजवादी सरकार द्वारा बहादुरा और सोनू पाह को जोड़ने वाले रास्ते पर एक बड़ी पुलिया बनवाया था। जो बाढ़ में बह गयी है। सोनू पाह जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। पूरा आवागमन बंद है।भाजपा की सरकार सिर्फ कागजों पर विकास  का दावा कर रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग किया बाढ़ से किसानों की जो फसल बर्बाद हुई है।

 उसका सर्वे कराकर किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। कटान से किसान परेशान है। उनका भी सर्वे कराकर के कटी हुई जमीन का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाए। 

उनके साथ रामजी यादव, डॉ मदन राय,भीष्म यादव,मुन्नीलाल यादव, राजेंद्र चौधरी,त्रिलोकी यादव,फुन्नु राय,भवानी यादव,मनोज यादव,रामेश्वर वर्मा,सेराज खां, कृष्णा कुमार यादव उर्फ बुढढा ,अनन्त मिश्रा,आदि लोग क्षेत्र भ्रमण के दौरान मौजूद रहे।

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