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इस्लाम अमल से पहले ज्ञान प्राप्त करने का आदेश देता है - मौलाना अनवर




 सैयद आरिफपुर में जलसा।  

 गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।। 

 सैयद आरिफपुर में शनिवार देर रात हज़रत सैयदना इमाम हुसैन की याद में जलसा हुआ। संचालन शहजाद अहमद ने किया। नात व मनकबत हाफ़िज़ फ़रहान, अंज़ार व अनवार ने पेश की।

मुख्य वक्ता फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहिया बाग के इमाम  मौलाना अनवर अहमद तनवीरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया हसन और हुसैन जन्नती जवानों के सरदार हैं। 

जिसने हसन और हुसैन से मुहब्बत की तो उसने मुझसे मुहब्बत की और जिसने उन दोनों से दुश्मनी की उसने मुझसे दुश्मनी की। एक जगह आपने इरशाद फरमाया कि जिसने इन दोनों को महबूब रखा उसने मुझको महबूब रखा और जिसने मुझको महबूब रखा उसने अल्लाह को महबूब रखा और जिसने अल्लाह को महबूब रखा अल्लाह ने उसको जन्नत में दाखिल किया। जिसने इन दोनों से नफ़रत की उसने मुझसे नफ़रत की। जिसने मुझसे नफ़रत की उसने अल्लाह से नफ़रत की। जिसने अल्लाह से नफ़रत की। अल्लाह ने उसको जहन्नम में दाखिल किया।

उन्होंने इल्म-ए-दीन के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का इरशाद  है “इल्म का सीखना हर मुसलमान पर अनिवार्य है”। क़ुरआन में वह आयतें जो बुद्धि, ज्ञान तथा सोचने और विचार करने से सम्बन्धित हैं अनुमानतः एक हज़ार की संख्या तक पहुंचती हैं। क़ुरआन में विभिन्न स्थानों पर अल्लाह ने ज्ञान के महत्व को स्पष्ट किया हैं।

 यह ज्ञान है जिसे प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति जब निकलता है तो उसके लिए स्वर्ग का पथ सरल कर दिया जाता है, फ़रिश्ते उसके रास्ते में अपना पर बिछाते हैं, तालिब-ए-इल्म (दीनी शिक्षा हासिल करने वाला) के लिए धरती और आकाश की प्रत्येक वस्तुएं यहां तक कि मछलियाँ भी समंदर के पेट में दुआ करती हैं। आलिम को आबिद पर ऐसी प्रधानता प्राप्त है जैसे 14वीं रात के चाँद को सितारों पर प्रधानता हासिल है। दीन-ए-इस्लाम अमल से पहले ज्ञान प्राप्त करने का आदेश देता है।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। जलसे में रोजन, इमरान, सल्लू, रहमत अली, रशीद अहमद आदि ने शिरकत की।

डेस्क न्यूज़

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