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गंगेश्वर महादेव मंदिर के,जीर्णोद्धार को ग्रामीणों ने उठाया जिम्मा



सिकन्दरपुर, बलिया।। क्षेत्र के गंगेश्वर महादेव मंदिर किसी पहचान का मोहताज नहीं है। इसकी ख्याति दूर दराज तक फैली है। कोसो दूर से फरियादी गंगेश्वर मंदिर में अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं। लोंगों की श्रद्धा और विश्वास का ही नतीजा है कि कोई खाली हाथ नहीं लौटता।

तहसील मुख्यालय से करीब तीन किमी की दूर अवस्थित करमौता का,गांव का गंगेश्वर महादेव मंदिर पर,आज भी सावन माह में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। 

पर देखरेख और रंग रोगन के अभाव में आज इसकी चमकी फीकी पड़ गयी है। दीवार से लेकर छत तक बदहाल हो चुका है। पर इसकी दशा सुधारने को लेकर कोई भी संजीदा नहीं है।  

उधर बाबा के भक्तों के मन मे कहीं न कहीं इस बात का मलाल जरूर है कि इतना ख्यातिलब्ध शिव मंदिर होने के बाद भी कोई जिम्मेदार इसके जीर्णोद्धार की नहीं सोंच रहा है। 

गांव निवासी गौतम राय ने बताया कि 1861 में बाबू  गोदिल राय द्वारा निर्मित यह मंदिर अब जीर्ण शीर्ण हो गया है। इसकी छत से लेकर दीवार तक कमजोर हो गयी है। बाहरी दीवारों पर लगी काई मंदिर की शान में बट्टा लगा रही है। 

बताया कि इसके सुंदरी करण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से कहा गया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब ग्रामीण स्वयं के प्रयास से इसका जीर्णोद्धार करा रहे हैं। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोंगो के लिए आस्था का केंद्र रहे इस मंदिर को बचाने का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।


डेस्क न्यूज़

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