बलिया बैरिया। पिछले पांच दिनों से रानीगंज उप मंडी समिति सोनबरसा में किसानों के गेहूं की सरकारी खरीद बंद हो जाने से नाराज विधायक सुरेंद्र सिंह गुरुवार को मंडी समिति सोनबरसा परिसर में धरने पर बैठ गए। कहा कि जब तक किसानों से गेहूं की खरीद शुरू नहीं होगी मेरा सत्याग्रह जारी रहेगा।
धरने पर बैठने के लगभग सात घंटे बाद मौके पर पहुंचे डिप्टी आरएमओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में गेहूं की खरीद शुरू हुई। तब विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपना धरना समाप्त किया। सत्ताधारी दल के विधायक के धरने की सूचना पर प्रशासन दिनभर हलकान रहा। लेकिन विधायक के डर से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर आने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे। सर्वप्रथम बैरिया एसएचओ राजीव कुमार मिश्र मय फोर्स मौके पर पहुंचे। उसके लगभग तीन घंटे बाद एसडीएम बैरिया प्रशांत कुमार नायक भी मौके पर पहुंच गए। धरने पर बैठने के लगभग सात घंटे बाद डिप्टी आरएमओ व उनके सहयोगी गेहूं क्रय केंद्र पर पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच दिनों से बिना किसी सूचना के क्रय केंद्र पर गेहूं की खरीदारी के लिए नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी क्रय केंद्र पर ताला बंद कर गायब हो गए थे। तब से दर्जनों किसान अपना-अपना गेहूं ट्रैक्टर पर लादकर विपणन केंद्र पहुंचे थे और रात दिन उन्हीं के इंतजार में क्रय केंद्र पर प्रतीक्षा कर रहे थे। कुछ किसानों ने इसकी सूचना विधायक को दी। विधायक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मैंने जिलाधिकारी सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों से गेहूं क्रय केंद्र की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था। किंतु किसी ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण मुझे धरने पर बैठना पड़ा। क्योंकि किसान ही मेरे अपने हैं और किसानों का दर्द संवेदनहीन अधिकारियों को मालूम नहीं है। इसलिए मैंने निर्णय ले लिया था। कि जब तक किसानों का खरीदारी शुरू नहीं होगा धरना जारी रहेगा।
ग्रामीणों ने रोकी रफ्तार
बैरिया। गेहूं क्रय केंद्र बंद होने के विरोध में क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने सोनबरसा गांव के सामने बैरिया दलन छपरा मार्ग को जाम कर दिया। यह जाम दिन में ग्यारह बजे से सायं पांच बजे तक जारी रहा। बीच में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराने का प्रयास किया था। किंतु किसानों ने जाम समाप्त करने से मना करते हुए कह दिया कि जब तक गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो पाएगी तब तक चक्का जाम जारी रहेगा। सड़क जाम करने वालों में मुख्य रूप से विनोद सिंह, महेंद्र दुबे, धनंजय सिंह, निखिल उपाध्याय, अमित सिंह, दीनानाथ प्रसाद, अविनाश सिंह, महेंद्र ओझा, सहजानंद सिंह, अजय सिंह सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
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