बलिया, उत्तर प्रदेश।।
चक्रवर्ती तुफान ताऊते के असर के कारण विगत सोमवार से मौसम खराब हो गया। ताऊते तूफान की वजह से मिल रही नमी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रियता से विगत 3-4 दिनों से रूक रूक कर बारिश का सिलसिला जारी है।
जिसके कारण अधिकतम् तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से गिर कर 27.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया ।जो समान्य से 12.5 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा।
अधिकतम् आद्रता 97 व न्यूनतम आद्रता 84 प्रतिशत रही। यह बर्षा खेत मे लगी सब्जियों के लिए हानिकारक एवं अन्य फसलों के लिये लाभ दायक है। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधौगिक विश्व विद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि पूर्वी उ.प्र. मेंं लतावर्गीय सब्जियों लौकी, कद्द्,नेनुआ, करेला, खीरा ,ककडी़, तथा अन्य भिण्डी ,टमाटर ,लोविया की फसलों के लिये हल्की बर्षा लाभदायक है।
परन्तु रूक रूक कर बर्षा होना या भारी बरसात सब्जियों का दुश्मन है। वर्तमान में लता वर्गीय सब्जियां जैसे लौकी,कद्दू ,करेला, तोरई, परवल आदि अधिकांशतः किसान.समतल जमीन पर लगाये है, जिसमें जलभराव या अधिक पानी के कारण पौधो का पीलापन के साथ- साथ रोग तथा कीट की संभावना अधिक बढ़ जाने की संम्भावना है।
ऐसी स्थिति लताओं को बांस के पोल बनाकर सहारा दे तथा जड़ के पास की मिट्टी को ऊंचा करें जिससे जड़ में पानी कम से कम पहुंचे।कीट एवं रोग के प्रकोप की संभावना होने पर जनपद के कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि, उधान, कृषि रक्षा से सम्बंधित अधिकारियों/ कर्मचारियों के सम्पर्क में रहे।
तथा आवश्यक सुझाव प्राप्त कर दवाओं का प्रयोग करें। यह बरषात गन्ना व मक्का की फसल के लिए लाभकारी है।आधी तुफान से आम के फलों को गिरने की ज्यादा संम्भावना है। मौका मिलते ही खाली खेत की गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। इससे मिट्टी मे छिपे हानिकारक कीट एवं जीवाणु धूप लगने से मर जायेंगे।
यह जुताई खरीफ फसलों के लिये काफी लाभकारी होगा। धान की नर्सरी हेतु खेत की तैयारी करे तथा नर्सरी डाल दें। करोना का ध्यान रखे आपसी दूरी 1-2 मीटर बनाये रखे। कम से कम 20 सेकेन्ड तक साबून से हाथ धोये। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले।
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