मोहम्मद सरफराज, बलिया ब्यूरो
दूधईला ग्राम सभा के पूर्व प्रधान शिवजी सिंह ने कहा की बीजेपी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है
उत्तर प्रदेश जनपद बलिया के बेलहरी ब्लाक के अन्तर्गत ग्राम सभा दूधईला के पूर्व प्रधान शिव जी सिंह एव समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ नेता भी हैं जब मीडिया कर्मी के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व प्रधान शिवजी सिंह शालीनता से जवाब देते हुए बताएं की सबसे पहले मैं कहना चाहता हूं की सरकार किस तरह से इस लोकतंत्र की हत्या कर रही है जहां किसान अन्नदाता के रूप में जाने जाते हैं वही किसान उत्पीड़न किया जा रहा है।
किसान की बात को ना मानने के लिए सरकार अपनी झुठी RSS के किसान समर्थन को लाकर गलत बयान दे रही हैं। किसानों के प्रति गढ़धरना प्रचार मीडिया के माध्यम से करा रही है, लेकिन किसानों का हकीकत यह है कि वह परंपरागत अपना खेती कर रहा है एक फैक्ट्री में एक प्रोडक्शन कोई सुई का होता है तो उसका मूल्य निर्धारित फैक्ट्री का मालिक करता है और हम अपना अनाज पैदा करने के बाद अपने अनाज का समर्थन मूल्य कोई दूसरा देता है और वो भी आधे दाम पर और वो भी हम बिक नही पाते है।
उस औने-बौने दाम पर। आज हम आत्म हत्या के कगार पर इसलिए आते हैं कि हमारा समर्थन मूल्य अगर हमको मूल्य गया रहता तो हम आपना कम से कम खर्चा निकालते। हमारा बच्चा मेधावी होते हुए भी हम उसे अच्छे से पढ़ा नहीं पाते हैं। हम गरीब के गरीब रह जाते हैं परंपरागत गरीब रह जाते हैं इसका कारण क्या है सरकार की गलत नीति कांग्रेस भी वही काम किया भाजपा उसका ठीक नकल कर रहा है स्वामीनाथन का रिपोर्ट यह कह रहा है कि हम लगा दिए हैं अगर स्वामीनाथन का रिपोर्ट लगा होता तो हमारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2900 रूपया के लगभग में होता।
आज हम खेती कर रहे हैं हम अपना प्रोडक्शन मूल्य जानते हैं कि समर्थन मूल्य हमारा 2900 रुपया होना चाहिए। हम 70- से 71 सौ यूरिया अपने खेतों में छिट रहे हैं एक यूरिया का दुकान अरबपति करोड़पति हो गया और हम खेती करने वाले प्रोडक्शन करने वाले कंगाल के कंगाल रह गए सरकार की गलत नीति नहीं है तो क्या है सरकार की जो सारी मीडिया है जो सरकार के प्रचार-प्रसार में लगी हुई है किसी भी सूचना को हम तक या आम जनता तक पहुंचाने का कार्य नहीं कर रही है सरकार कि किस तरह से प्रशंसा करके हमको प्रभावित किया जाए हम तो किसान भाई जानते हैं परिश्रम करते हैं और अपने परिश्रम के बल पर आंदोलन भी करना जानते हैं।
हम डटे हुए हैं हमारे लोग डटे हुए हैं और हम उनका समर्थन कर रहे हैं। आज किसानों के लिए इस पार्टी से ₹2000 के अनुदान के रूप में हम को प्रोत्साहित करने के रूप में दिया जाता है हमको नहीं चाहिए वह पैसा हमारे समर्थन मूल्य जो हमको मिलना चाहिए वह हमको हमारा हक दे दे हम कोई भीख मांगने वाले थोड़े ना है यह ₹2000 दे करके हमको प्रलोभन दे करके हमारा दिनचर्या ठीक कर देंगे हम लोग जो मेहनत करते हैं हमारा जो प्रोडक्शन होता है उसका उचित मूल्य दे दे।
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