बलिया। श्री बजरंग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दादर आश्रम में मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का 71 वॉ परिनिर्वाण दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया ।
इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वक्ताओं ने भारत की स्वतंत्रता एवं राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल के असाधारण योगदान की चर्चा करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
मुख्य वक्ता एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के समय भारत में 562 रियासतें थी, जिनका अपने अदम्य साहस, दृढ़ इच्छा शक्ति एवं दूरदर्शिता से सरदार पटेल ने भारत में विलय कराकर भारत को भौगोलिक एकता एवं विशालता प्रदान की।
इसीलिये उन्हें लौहपुरुष कहा जाता है। वे वास्तव में अखंड भारत के प्रमुख शिल्पी थे। राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने सरदार पटेल को भारत की भौगोलिक एकता का सूत्रधार एवं महान राष्ट्र निर्माता बताया।
डॉ धर्मेंद्र नाथ पांडेय, डॉ राजेश कुमार, डॉ विनीत कुमार तिवारी, डॉ मनजीत कुमार राय, डॉ अनिल कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ चंद्र प्रकाश, डॉ ज्ञान प्रकाश आदि प्राध्यापकों एवं अनेक छात्र- छात्राओं ने भी सरदार पटेल के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अम्बरीश कुमार सिंह ने लौह पुरुष को नमन करते हुए सभी का आभार जताया।
इस कार्यक्रम के बाद मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत 'भिक्षावृत्ति : अपराध या विवशता' विषय पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें छः छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
कुछ प्रतिभागियों ने भिक्षावृत्ति को अपराध बताते हुए अपनी बात के समर्थन में तर्क रखे, वहीं कुछ ने तथ्यों के आधार पर इसे व्यक्ति की विवशता बताया।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की मिशन शक्ति टीम के समन्वयक डॉ मनजीत कुमार राय ने किया। प्रतियोगिता में विपिन कुमार को प्रथम, वंदना गुप्ता को द्वितीय एवं दुर्गावती तिवारी को तृतीय स्थान मिला।
डॉ धर्मेंद्र नाथ पांडेय, डॉ राजेश कुमार, , डॉ अंबरीश कुमार सिंह, डॉ चंद्र प्रकाश निर्णायक मंडल के सदस्य थे। इस अवसर पर डॉ कृष्ण कुमार सिंह, डॉ विनीत कुमार तिवारी, डॉ अनिल कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ ज्ञान प्रकाश सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-रजनीश श्रीवास्तव
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