प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू योजना पर 50 प्रतिशत का अनुदान
बलिया। उप कृषि निदेशक इंद्राज ने बताया है कि पराली/फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित है, तथा पराली जलाने पर जुर्माने एवं दण्ड का प्राविधान है। फसल अवशेष/पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु कृषि विभाग, उ0प्र0 शासन के द्वारा संचालित योजना प्रमोशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेंट आॅफ क्राप रेजिड्यू के अन्तर्गत फसल अवशेष/पराली के प्रबन्धन हेतु उपयोगी कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा प्रदान की जा रही है। फसल अवशेष/पराली प्रबन्धन से सम्बन्धित इम्पैनल कम्पनियों के कृषि यंत्रों - रीपर कम बाईंडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सबेल मोल्ड बोर्ड प्लाउ, जीरो ट्रिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, रीपर सेल्फप्रोपेल्ड, रैक, बेलर, मल्चर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, पैडी स्ट्रा चाॅपर, रोटरी स्लैशर, श्रम मास्टर, श्रेडर एवं सुपर सीडर को क्रय करने पर यह सुविधा अनुमन्य होगी। अपने खेतों में फसल अवशेष/पराली कदापि न जलायें, तथा इसके प्रबन्धन हेतु कृषि विभाग की वेबसाइट www.upagriculture.com पर अपने पंजीकरण में उक्त यंत्रों हेतु आवेदन कर टोकन जनरेट करें तथा टोकन पर अंकित तिथि के अन्तर्गत यंत्र क्रय कर बिल पोर्टल पर अपलोड कर यंत्र का सत्यापन कराते हुए अनुदान का लाभ प्राप्त करें। यह सुविधा ’’पहले आओं पहले पाओं’’ के आधार पर उपलब्ध है।
मोहम्मद सरफराज, बलिया ब्यूरो
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