बलिया के मान सम्मान व जन भावनावों का है ददरी मेला: लक्ष्मण गुप्ता
बलिया। ददरी मेला एक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर है। यह मेला बलिया जनपद के मान सम्मान व जन भावनावों का है। इस मेले से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो का अटूट लगाव है। वही किसानों पशुपालको का भी अटूट संबंध है।
उक्त बातें समाजवादी पार्टी के नगर विधान सभा बलिया के प्रभारी लक्ष्मण गुप्ता ने अपने एक बयान में कहा। श्री गुप्ता ने कहा कि ददरी मेला एक मेला ही नही है और ना ही सिर्फ नगर पालिका परिषद बलिया के सिर्फ आय का साधन है। जन भावनावों से जुड़े ऐसे ददरी मेला को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के नाम पर एक छोटी प्रशासनिक बैठक करके मेला को स्थगित करने का लिया गया निर्णय औचित्यहीन एवं निराधार है। श्री गुप्ता ने कहा कि जिस बैठक में जनपद का कोई जनप्रतिनिधि न हो तथा बैठक में जनपद के किसी कवि, साहित्यकार आदि का ना होना जो उस बैठक में जनता की भावनावों को रख सके, बेहद शर्मनाक है। ऐसे में भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ददरी मेला लगाने को कोई ठोस पहल ना करना यह साबित करता है कि बलिया की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत, बलिया की पहचान व जन भावनाओ से कोई लेना देना नही है।
मोहम्मद सरफराज, बलिया ब्यूरो
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