अभियान के लिए बनाई जाएंगी 190 टीमें, लगाए जाएंगे 37 सुपरवाइजर
बलिया। जिले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान (एक्टिव केस फाईंडिंग) एक नवंबर से 11 नवंबर तक चलाया जाएगा । जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आनंद कुमार ने बताया - इस अभियान के तहत पूरे जिले की 10 प्रतिशत आबादी को लक्षित किया जाएगा। इसके लिये 190 टीमें बनाई जाएंगी और 37 सुपरवाइजर लगाए जाएंगे। हर पांच टीम पर एक सुपरवाईजर तैनात किया जाएगा।
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प्रत्येक टीम में तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा जो पूरे जनपद में 10 प्रतिशत आबादी के घर-घर भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष टी०बी० के मरीजों को चिन्हित करेंगे और एक सप्ताह के अंदर नए टीबी मरीजों को दवा शुरू करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक मरीज को निक्षय पोषण योजन के अंतर्गत उपचार के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह खाते में भुगतान किया जाएगा।
क्या है क्षय रोग
टी०बी० को क्षय रोग कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो कि ‘माइक्रोबैकटीरियम ट्यूबरक्लोसिस’ बैक्टीरिया के कारण होती है। फेफड़ों में होने वाली टी०बी० को पल्मोनरी टीबी कहा जाता है और जब यह शरीर के किसी दूसरे भाग में होती है तो इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता है। जब पल्मोनरी क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता या छींकता है तब उसके साथ संक्रामक ड्रोपलेट न्यूक्लाइड उत्पन्न होते हैं, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
रहें सतर्क, करें बचाव
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि इसके मुख्य लक्षण हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो आप स्वयं भी अपने नजदीकी टीबी केंद्र पर जाकर जाँच करा कर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि टीबी के मरीज को खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें जिससे यह अन्य लोगों में न फैले।
👉मोहम्मद सरफराज, बलिया ब्यूरो
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