By.गोपी नाथ चौबे
- चिलकहर (बलिया) वर्तमान समय मे सांसद विधायक निधि के आहरण पर सरकार द्वारा लगाई गयी रोक से जिला के सत्ता पक्ष के मंत्री सांसद विधायक जिला पंचायत के धन पर अपनी गृध दृष्टि लगा नियम व्यवस्था को दर किनारा कर अपने अपने क्षेत्रों में मन-मुताबिक कार्यो पर खर्च कराने की मानसिकता से संक्रमित हो विभागीय अधिकारियों पर सत्ता का धौस जमा अनैतिक दबाव बना रहे है। इस स्थिति मे जिला पंचायत सदस्य अपने कार्य क्षेत्रों में विकास कार्य कराने में असमर्थ हैं जिससे क्षेत्र का विकास बाधित हो गया है।
- *वैसे तो प्रदेश सरकार द्वारा जिला पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 का वजट अभी तक नही दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का वजट भी जिला मे लगभग डम्प पडी है। इसे स्पष्ट नीति का अभाव कहे या जिला के सत्तापक्ष के मंत्रियों सांसदों विधायकों की दखलांदाजी, कारण कुछ भी हो जिला पंचायत पंगु किम - कर्तव्यविमूढ है जिससे जिला पंचायत के सदस्यो मे सब्र का बाँध टूटता जा रहा है। उनके मनो-मस्तिष्क मे आक्रोश की प्रवल ज्वाला प्रज्जवलित हो रही है।
- प्रदेश सरकार के मुखिया को इसका संज्ञान लेते हुए सत्ता पक्ष के मंत्रियों विधायकों के विधि विरोधी क्रिया कलापों पर अंकुश लगा जिला पंचायत योजना मे स्वीकृति योजनाओ को कार्य रूप दे सदन के संवैधानिक व्यवस्था सुचिता स्थापित कर,सदस्यो के संवैधानिक हितो की संरक्षा करते हुए वित्तीय 2020-21 की वजट आने तक वित्तीय वर्ष 2019-20 के अवशेष धन से विकास का कार्य संपादित कराने हेतु जिला प्रशासन को निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।
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