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अब सिटी मजिस्ट्रेट या एसडीएम द्वारा जारी पास ही होगा मान्य


अन्य विभागीय अधिकारी या फ़र्म पास जारी न करें: डीएम।
बलिया: अपने विभागीय अधिकारी या किसी फर्म द्वारा जारी पास लेकर चलने वाले कर्मचारी सावधान हों जाएं, क्योंकि अब सिटी मजिस्ट्रेट या एसडीएम द्वारा जारी पास ही लॉकडाउन में मान्य होगा। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने रविवार को यह आदेश जारी कर प्रशासन और पुलिस को सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान विद्युत विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग और कुछ अन्य विभाग के अधिकारियों या किसी फर्म द्वारा अपने कर्मचारियों को विभिन्न तरह के पास निर्गत कर दिए जा रहे हैं, इस पर जिलाधिकारी ने सख्त निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी विभाग के अधिकारी द्वारा ऐसा ना किया जाए। इससे लॉकडाउन का उद्देश्य समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा है कि जिले में आवागमन के लिए नगर मजिस्ट्रेट या संबंधित एसडीएम के स्तर से ही जारी पास मान्य होगा। अन्य किसी भी अधिकारी या फर्म द्वारा जारी पास कोई मान्य नहीं होगा। जिलाधिकारी ने कहा है कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों तथा फल, दूध, सब्जी, खाद्य आपूर्ति आदि कार्य में लगे विभिन्न फर्मों के कर्मचारियों के आवाजाही के लिए संबंधित अधिकारी अपने हस्ताक्षर से सूची बनाकर नगर मजिस्ट्रेट या एसडीएम को देंगे। वहीं से पास जारी होगा। उन्होंने प्रशासन और पुलिस को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
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*कोरोना के योद्धा----*

देश को इस आफत से उबरने पर है पूरा ध्यान

असर्फी अस्पताल में कोरोना की किसी भी परिस्थिति से लड़ने को तैयार मेडिकल टीम में डॉ बीएल मण्डल भी है। इस गम्भीर आपदा से लड़ाई के प्रति इनका भी हौसला पूरी तरह बुलन्द है। झारखण्ड के मूल निवासी और सीएचसी नरहीं में कार्यरत डॉ मण्डल ने बताया कि जनकल्याण की जो शपथ सेवा शुरू करने के दौरान ली जाती है उसको पूरा करने का यही सबसे उपयुक्त समय है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार लॉकडाउन से पहले ही गांव चला गया था और लॉकडाउन की वजह से आ नहीं पाया। इस स्थिति में जाना भी मुमकिन नहीं। लेकिन, आज परिवार से बढ़कर कहीं ज्यादा जरूरी है कि देश को इस परिस्थिति से उबारा जाए। बॉर्डर के सिपाही की तरह इस आफत को भगाने के लिए जो कुछ भी करना होगा, हमेशा तैयार रहेंगे। 
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इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए चुने जाने पर गर्व

कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में चुने जाने को लेकर स्टाफ नर्स पूनम वर्मा का भी उत्साह सातवें आसमान पर है। पूनम का कहना है कि मेडिकल से जुड़े स्टाफ के लिए सामान्य से लेकर गंभीर बीमारी तक का इलाज करना आम बात है। कोरोना वायरस नई बीमारी तो है, पर इस पर भी हम बहुत जल्द विजय पा लेंगे। मूल रूप से रसड़ा की रहने वाली पूनम का पूरा परिवार फरीदाबाद में रहता है। पूनम ने बताया कि यहां ड्यूटी करने के बारे में पता चला तो घबराहट तो हुई, लेकिन इस बात को लेकर गर्व भी हुआ कि इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए मुझे चुना गया है। पहले सुरक्षा के उपाय को लेकर कुछ चिंता भी थी तो यहां आने के बाद वह भी दूर हो गई। जिला प्रशासन द्वारा पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करा दिया गया, तब से डर भी पूरी तरह खत्म हो गया है। अब तो बस उसी घड़ी का बेसब्री से इंतजार है, जब सबकी एकजुटता की बदौलत यह बीमारी देश छोड़कर भाग जाए।

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