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ददरी महोत्सव में पारंपरिक व लोकगीत गीतों का दिखा संगम


अमलेश ने भक्तिरस में डुबोया, मनोहर सिंह के लोकगीत व अलका के फोक सांग पर जमकर झूमे श्रोता।
पारंपरिक विधाओं में अयोध्या की फौव्वारी नृत्य व जीवन माझी की टीम का धोबिया नृत्य रहा खास।

बलिया: ददरी मेले का भारतेंदु मंच रविवार को भोजपुरी लोकगीत कलाकारों के नाम रहा। सुप्रसिद्ध भजन गायक अमलेश शुक्ला, महुवा चैनल कलाकर मनोहर सिंह व अलका सिंह पहाड़िया समेत लोकगीत गायकों ने अपनी गीतों के माध्यम से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। अयोध्या की फौव्वारी नृत्य व जीवन माझी की टीम द्वारा धोबिया नृत्य की प्रस्तुति अपने आप में खास रही। 

इससे पहले ददरी महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसडीएम सदर अश्विनी कुमार श्रीवास्तव और विशिष्ट अतिथि सदर कोतवाल विपिन कुमार सिंह व चेयरमैन अजय कुमार ने दीप जलाकर किया। इसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक नृत्य के माध्यम से हुई। फौव्वारी नृत्य लेकर अयोध्या से आयी टीम स्टेज पर आई और पारंपरिक नृत्य के साथ एक से बढ़कर एक करतब भी दिखाए। करीब आधे घंटे तक चले नृत्य में तरह-तरह के भाव और करतब हैरतअंगेज कर देने वाला था। इसके बाद जीवन माझी की टीम का धोबिया नृत्य भी इस महोत्सव का खास कार्यक्रम रहा। 

अमलेश की भक्ति गीतों ने ही बांध दी समां

- पारंपरिक नृत्य और अन्य कार्यक्रमों के बाद बद्री महोत्सव लोकगीतों की तरफ जैसे ही बढ़ा, बनारस से आए प्रसिद्ध भजन गायक कमलेश शुक्ला ने अपनी भक्ति गीतों से ही पूरी समा बांध दी। महादेव, मंगला भवानी, महर्षि भृगु व हनुमान जी पर आधारित गीतों से सबको भक्तों रस में डुबो दिया। अमलेश की गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। 

मनोहर ने खांटी लोकगीत सुनाकर किया मंत्रमुग्ध

महुआ चैनल व वर्तमान में लोकगीत के माध्यम से भोजपुरी में एक बड़ा स्थान पाने वाले मनोहर सिंह ने भी अपेक्षा के अनुरूप शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने भृगु बाबा पर आधारित गीत से शुरुआत की और उसके बाद एक से बढ़कर एक खांटी लोकगीत सुनाकर सबकी वाहवाही लूटी। बालेश्वर के गीतों से लेकर वहां मौजूद दर्शकों की भी कुछ फरमाइश पूरी की। खासकर 'जा रे चंदा' और कार्यक्रम के अंत में विरह के भाव में 'सेजिया पर रोजे रोजे' गीत को वहां मौजूद हर किसी ने खूब पसन्द किया।

फोक गीतों से किया मनोरंजन

महुवा चैनल की जिला टॉप की विजेता अलका सिंह पहाड़िया ने भी युवाओं को जमकर झुमाया। वर्तमान परिवेश की फोक गीतों को सुनाकर सबका खूब मनोरंजन किया। अलका की 'कहाँ जइब राजा नजरिया लड़ाई के' गीत पर वहां मौजूद लोग खासकर युवा जमकर झूमे। दिल्ली से आई प्रियंका सिंह प्रिया ने 'देवर तनी देहिया पर डाल द रजाई' और कल्पना पांडेय ने कुछ प्यार के गीत सुनाए।

मेला प्रभारी का हुआ सम्मान

मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाने वाले मेला प्रभारी विवेक पांडे को भी ददरी महोत्सव के मंच पर सम्मानित किया गया। नगरपालिका प्रशासन से लेकर वहां मौजूद हर वरिष्ठ नागरिक में मेला प्रभारी के कार्य की सराहना की। सकुशल मेला संपन्न होने में मेला प्रभारी पांडेय के नेतृत्व में पुलिस महकमे की सक्रियता का बड़ा योगदान बताया। यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने पर यातायात निरीक्षक सुरेश चंद दिवेदी को भी नगर पालिका प्रशासन ने मंच के माध्यम से सम्मानित किया।

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