सिकन्दरपुर, बलिया।क्षेत्र के श्री बजरंग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दादर आश्रम में रविवार को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' विषय पर एक जागरूकता रैली का आयोजन हुआ। इसका आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने प्रथम एक दिवसीय रैली के रूप में किया गया।
यह रैली महाविद्यालय से आरंभ होकर लखनापार चट्टी से होते हुए लखनापार गांव के विभिन्न मोहल्लों में गयी। रैली में शामिल स्वयंसेवियों ने अपने हाथों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' से संबंधित विभिन्न प्रेरणादाई नारे लिखी तख्तियां ले रखी थीं। इन तख्तियों पर 'बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ', 'घर-घर विद्या दीप जलाएं, बेटा -बेटी दोनों पढ़ाएं', 'बेटी को अधिकार दो, बेटे जैसा प्यार दो', 'बेटी बचाओ समाज बचाओ', 'बेटी को मत समझो भार, जीवन का है ये आधार', 'सुकन्या समृद्धि योजना अपनाओ' 'बेटी है वरदान, इसका करो सम्मान', 'मां नहीं तो बेटी नहीं, 'बेटी नहीं तो बेटा नहीं' , 'बेटा- बेटी दोनों एक समान, दोनों ही हैं आप की शान', 'बेटी नहीं है किसी से कम, मिटा दो अपने सारे भ्रम', 'बेटी है तो कल है', 'पढ़ेंगी बेटियां , तभी तो बढ़ेंगी बेटियां', 'बेटी तो है जग की जननी, हमें रक्षा अब इसकी करनी', 'लड़का पढ़े तो अकेला बड़े, लड़की पढे तो दो परिवार बढ़े', 'बेटी बचाओ देश बचाओ', 'बेटी कुदरत का उपहार, इसको जीने का दो अधिकार', 'अगर बेटी को मारोगे, तब दुल्हन कहां से लाओगे', 'बेटी नहीं तो जीवन भी नहीं', 'बेटी को अधिकार दो, बेटे जैसा प्यार दो', 'पढ़ी-लिखी बेटी, रोशनी है घर की', 'एक भी बच्चा छूट गया, हमारा संकल्प टूट गया' आदि नारे लिखे थे। इसके साथ ही स्वयंसेवकों एवं स्वयंसेविकाओं ने इनमें से बहुत से नारे जोश से लगाये। रैली का नेतृत्व राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने किया। रैली की वापसी पर महाविद्यालय में आयोजित एक सभा में कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने 'बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ' योजना के बारे में विस्तार से स्वयंसेवियों को बताया और इस योजना को भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रमुख स्तंभ बताया। उन्होंने स्वयंसेवियों का आह्वान किया कि वे समाज में बेटियों के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में लोगों को जागरूक करें और उनसे बेटा- बेटी दोनों के साथ समान व्यवहार करने और समान अधिकार प्रदान करने का अनुरोध करें। आम लोगों को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के अंतर्गत संचालित सुकन्या समृद्धि योजना और उसके लाभों से से अवगत कराएं। राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
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