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बेटा और बेटी दोनों बराबर हैं समाज इन्हीं दोनों से ही मिलकर बनता है:- डॉ कृष्ण कुमार सिंह


जननी सुरक्षा योजना एवं सुकन्या समृद्धि योजना, जिनका उद्देश्य क्रमशः महिला सशक्तिकरण एवं बालिका सशक्तिकरण है:- डॉ कृष्ण कुमार सिंह 

सिकन्दरपुर, बलिया। श्री बजरंग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दादर आश्रम में  सोमवार को महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' एवं 'जननी सुरक्षा योजना' पर एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने  विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य के अंतर्गत सरकार आम जनता, विशेषकर समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान हेतु विशेष प्रकार की योजनाएं चलाती है। में जननी सुरक्षा योजना एवं सुकन्या समृद्धि योजना इसी प्रकार की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं जिनका उद्देश्य क्रमशः महिला सशक्तिकरण एवं बालिका सशक्तिकरण है। जननी सुरक्षा योजना पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राजेश कुमार ने कहा कि यह योजना  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है।  इसका उद्देश्य गरीब  गर्भवती महिलाओं के  सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है।  केंद्र सरकार इसके लिए गरीब गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देती है। गर्भवती महिलाओं एवं नवजात  शिशुओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार ने इसकी शुरुआत की है। जननी सुरक्षा योजना मां एवं उसके नवजात शिशु को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने का  महत्वपूर्ण उद्देश्य रखती है। उन्होंने  बताया कि इस योजना का आरंभ 2005 ई. में हुआ था। इसके बाद सुकन्या समृद्धि योजना पर बोलते हुए इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सच्चिदानंद मिश्र ने कहा कि यह योजना 'बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ' योजना की सहायक योजना है।  यह योजना  2015 ई. में आरंभ हुई थी। 
इसका उद्देश्य भारतीय समाज में बेटियों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करना है। सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से भारत सरकार ने बेटी की पढ़ाई एवं विवाह के खर्च की माता-पिता की चिंता एवं बोझ को कम करने का प्रयास किया है। इस योजना की विशेषताओं एवं लाभों को बताते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत एक माता-पिता की दो   बेटियों का खाता बैंक या डाकघर में खुलवाया जा सकता है। इसके अंतर्गत 1 वर्ष से लेकर के 10 वर्ष तक की बेटी का खाता खोला जा सकता है। इसमें 14 वर्षों तक धनराशि जमा करनी होती है। वर्तमान समय में भारत सरकार के सभी आर्थिक जमा योजनाओं से इसमें अधिक ब्याज मिलता है। साथ ही इसके अंतर्गत जमा होने वाली धनराशि एवं प्राप्त धनराशि पर आयकर नहीं लगता है। बेटी के 18 वर्ष के होने पर पढ़ाई या विवाह के लिये आधी धनराशि निकाली जा सकती है। बेटी की पढ़ाई के खर्च के लिए यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजना है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ उमा कांत यादव ने कहा कि  भारत एक पितृसत्तात्मक समाज है जिसमें महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण हेतु समाज एवं सरकार दोनों को मिलकर काम करना पड़ेगा। जननी सुरक्षा योजना एवं सुकन्या समृद्धि योजना इसी प्रकार के कार्यक्रम हैं। कार्यक्रम का संचालन कर रहे कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना सामाजिक सुधार एवं सामाजिक विकास के लिए तत्पर है। उन्होंने स्वयंसेवियों का आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा सामाजिक सुधार के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी पात्र लोगों को उपलब्ध कराकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।

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