योजना के माध्यम से गंगा में प्रदूषण कम होगा एवं किसानों की आय में वृद्धि होगी
दुबहड़/बलिया। वर्षों से फाइलों में दबी नमामि गंगे कार्यकम योजना का क्रियान्वयन संसदीय कार्य, ग्राम्य विकास एवं समग्र गाँव विकास मंत्री आनन्द स्वरुप शुक्ल के प्रयास से शुरु होने जा रहा है। नमामि गंगे परियोजना यु पी डास्प जनपद बलिया के जिला परियोजना समन्वयक डॉ अखिलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम अन्तर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से गंगा नदी के जल को रासायनिक प्रदूषण से बचाने के लिए बलिया जनपद में सोहावं, बेलहरी, मुरली छपरा सहित दुबहड़ ब्लाक के गंगा नदी किनारे स्थित गावों को भी चयनित किया गया है। इसके लिए यु पी डास्प द्वारा चयनित गावों के किसानों को रासायनिक एवं किटनाशक अवशेषों से मुक्त परम्परागत जैविक खेतीबारी के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। गंगा नदी के किनारों के गांवों में जैविक खेतीबारी से गंगा नदी प्रदूषित रासायनिक एवं कीटनाशकों से मुक्त होगी एवं किसानों के आय में वृद्धि होगी। इस योजना के अन्तर्गत किसानों की आय में वृद्धि हेतु भारत सरकार के पी जी एस इण्डिया पोर्टल के माध्यम से आच्छादित किसानों को आर्गेनिक सर्टिफ़िकेशन भी कराया जाएगा। नमामि गंगे कार्यकम योजना के अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी एवं सदस्य के रूप में सदस्य सचिव जिला परियोजना समन्वयक, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र एवं ग्राम्य विकास विभाग/ पंचायती राज नामित किये गये हैं। नमामि गंगे कार्यकम के शुरू होने से क्षेत्र के सम्बन्धित गांवों के किसानों में हर्ष व्याप्त है।
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