बलिया। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, ज्ञापन में उल्लेख किया है कि देश के भीतर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनसीआर) गहन विवाद बना हुआ है।
विगत दिनों असम के एनसीआर लिस्ट में लगभग 4000000 लोग बाहर रह गए थे लिस्ट में नाम से वंचित रह गए लोग हिंदू मुस्लिम सभी थे लाखों नागरिकों के भीतर अचानक ही भयानक और सुरक्षा अलगाव वरसाद का माहौल बना इसके बाद एनआरसी की प्रक्रिया आगे बढ़ी जांच-पड़ताल व दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया चली इसके बावजूद 19 लाख लोग अभी भी इस लिस्ट से बाहर ही रह गए हैं एक प्रकार से यह राज्य विहीन है एनसीआर के लिस्ट से छोटे लोगों के जीवन में असुरक्षा तनाव अवसाद और अनिश्चित तथा अलगाव का माहौल बना हुआ है। पिछले कई दशकों से करोड़ों लोगों का अपनी अपनी जगह से अन्यत्र विस्थापन हुआ है वह विस्थापन या पलायन सरकार की बड़ी बड़ी परियोजनाओं के चलते हुआ है या बे फिर बेहतर जीवन वनों परी की तलाश में हुआ है यह विस्थापन या पलायन देश के भीतर भी हुआ है और देश के से बाहर बीजीसी की ओर भी हुआ है यह ऐसे दौर में हुआ है जब दस्तावेज की महत्ता नगाड़े थी देश के से लाखों की तादाद में लोग बाहर गए हैं तो इसके उल्टे बाहर से देश के भीतर भी लोग आए हैं यह बैदराबाद कर लाए जाने वाली दोनों तरीके से हुआ है कहां पर गए ज्ञापन में मांग किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को रद्द किया जाए तब पुराने अधिनियम को पुनः बहाल किया जाए नागरिकता की चटनी और एनआरसी प्रक्रिया को रद्द किया जाए सभी देश के भीतर आने वालों को देश का नागरिक माना जाए ज्ञापन सौंपने वालों में दूधनाथ अर्जुन प्रकाश मानसिंह सत्यनारायण आदि मौजूद रहे
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