सिकन्दरपुर, बलिया। 14 अगस्त।
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दुस्तां हमारा।
जी हां कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला है ,नगर के रहिला पाली स्थित शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर वंदना कोचिंग में।
जहां पर हिन्दू मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए हिन्दू छात्राओ ने मुस्लिम छात्रों की कलाई पर राखी बांधा तथा एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुँह मीठा कराया। वहीं मुस्लिम भाइयों ने अपनी हिन्दू बहनों को उपहार भी दिया तथा जीवन भर उनकी रक्षा करने का वादा किया।
इस अवसर पर कोचिंग परिवार की तरफ से बच्चों को रक्षाबंधन पर्व के महत्व के बारे में समझाते हुवे इतिहास में बीत चुके सच्ची घटना को बताया गया कि, जब हमारे देश में रजवाड़ो का दौर था तथा राजा-महाराजा बात-बात पर आपस मे युद्ध के लिए तैयार हो जाते थे।
तब उसी दौरान चित्तौड़ पर बहादुर शाह ने हमला कर दिया तो उस समय रानी कर्णवती विधवा थीं और उनके पास इतनी सैन्य शक्ति नहीं थी कि वे अपने राज्य की रक्षा कर सकें।
तब उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी और मदद के लिए प्रार्थना की। राखी तो हिंदुओं का पर्व है और हुमायूं मुस्लिम था, लेकिन उसने राखी का मान रखा और एक भाई का फर्ज निभाते हुवे रानी कर्णवती को अपनी बहन मानकर यह फैसला किया कि वह उसकी मदद हर हाल में करेगा तथा जाकर अपनी बहन की रक्षा करते हुवे बहादुर शाह से युद्ध किया जिसमें हुमायूं को विजय मिली और उसने पूरा शासन अपनी बहन रानी कर्णवती के बेटे विक्रमजीत सिंह को सौंप दिया।
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान केशव चन्द्र , सनोज कुमार गौतम, प्रीति श्रीवास्तव, विनोद कुमार, धनंजय मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।
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