सिकन्दरपुर, बलिया। 18 जुलाई।नगर में शुक्रवार का दिन साप्ताहिक बंदी के लिए तय है, लेकिन इसके बावजूद भी पिछले शुक्रवार नगर के कुछ दुकान खुले रहे। अधिकतर दुकानदार दुकानें खोलकर बैठे थे। ऐसे में दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पा रहा है। सरासर उनका शोषण हो रहा है। यह बातें कहीं है नगर निवासी व जूता व्यवसाई अशोक गुप्ता (डब्लू ) नें। उन्हों ने कहा है कि पिछले दिनों सिकन्दरपुर कस्बे में भी प्रशासन और श्रम विभाग की टीम ने प्रयास कर शुक्रवार के दिन बंदी लागू कराई थी, लेकिन कुछ लोगों की वजह से नगर में बंदी व्यवस्था लागू नहीं हो पा रही थी। उन्हों ने साप्ताहिक बंदी के दिन बाजार बंद रखने की व्यपारियों से अपील की है। व्यपारियों से कहा है कि बेहतर होगा कि व्यापारी अपनी दुकानों को अपनी स्वेच्छा से बंद रखें। सिकन्दरपुर के 80 फीसदी व्यापारियों ने इसमें सहयोग भी दिया है। बचे हुवे 20 % व्यापारी भी सहयोग करें। कहा कि इसमें कोई भेद भाव नही होनी चाहिए जो पहले से दिन तय है शुक्रवार, उसी दिन को ही बंदी होना चाहिए। तथा उन्हों ने देहात के लोगों से भी अपील किया है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बंदी को सफल बनाने के लिए सहयोग करें तथा शुक्रवार को सिकन्दरपुर में न आवें या तो एक दिन पहले आ जाएं या शनिवार को आएं। उन्हों ने नगर के इकलौते शॉपिंग मॉल के व्यपारी से भी अपील किया है की शुक्रवार को मॉल बंद रखें तथा अपने कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दें। उन्हों ने कहा है कि पूरी तरह बंदी न होने का एक कारण श्रम अधिकारियों का लापरवाह रवय्या भी है।
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