राममिलन यादव
बिल्थरारोड (बलिया): करीब पांच दिन पूर्व हुए भीषण बारिश में मिट्टी के कच्चे मकान का एक हिस्सा पूरी तरह से गिर गया तो घर से निकलने का मुख्य दरवाजा भी फंस गया। जिससे कच्चे मकान के अंदर घिरी युवती राजिया खातून उर्फ रोजी पिछले छ दिन तक कैद रही। चारों तरफ से बंद एक कमरे व छोटे से हाते में युवती पिछले छ दिन से बंद रही और बाहर से कोई मदद न मिल सका।
गुरूवार की सुबह महिला ने किसी तरह डायल 100 पुलिस को अपनी पीड़ा बताई। जिसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती के कच्चे मकान के गिरे मलबे से दबे दरवाजे को किसी तरह हटाया और आने-जाने लायक जगह बनाकर युवती को जर्जर मकान से सुरक्षित बाहर निकाला। छ दिन बाद अपने घर से बाहर निकली युवती फफक-फफक कर रोने लगी। मामला बिल्थरारोड तहसील के उभांव थाना के चंदायर बलीपुर गांव की है। कच्चे मकान से बाहर निकलते ही युवती ने पुलिस को शुक्रिया कहा। देवरिया जनपद के बरहज थाना के मदनपुर गांव की मूल निवासी राजिया खातून बचपन से ही अपने नाना उक्त गांव निवासी मरहूम इशफाक अहमद के घर रहती थी। उसके नाना-नानी की कोई औलाद नहीं थे और उसके नानी ने अपना घर नातिन रजिया के नाम कर दिया किंतु करीब चार वर्ष पूर्व ही नानी के इंतकाल के बाद से अकेले ही रहती थी। बता दें कि गत 22 जून को हुई जबरदस्त बारिश के कारण चंदायर बलीपुर गांव स्थित उक्त कच्चे मकान के मुख्य दरवाजे के अंदर दीवार गिर जाने से रास्ता जाम हो गया और दरवाजा पूरी तरह से फंस गया।
जिससे युवती कच्चे मकान में ही अंदर फंस गई। ग्रामीणों समेत किसी ने अकेली रह रही युवती के तरफ ध्यान नहीं दिया। परेशान होकर रजिया ने गुरुवार को दोपहर में डायल 100 पुलिस को सूचना दिया। पुलिस के मौके पहुंचते ही लोगों की भीड़ लग गई। रजिया ने कच्चे मकान के एक छोटे मुक्की से पुलिस को अपनी समस्या से अवगत कराया। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल मौके पर मलबे में दबे घर के मुख्य दरवाजे को तोड़कर युवती को बाहर निकाला । कच्चे मकान की पूरी दीवार ढहने के कगार पर है। घर की दीवारों की जर्जर स्थिति को देखते हुए ग्राम प्रधान आफताब अहमद उर्फ बुलेट ने कहा कि दरवाजे के पास की जर्जर दीवारों को तोड़वाकर उसकी जगह पक्की दीवार व दरवाजा लगवा दिया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके।
पुलिस के पहुंचते ही भारी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। पीड़िता युवति रजिया ने बताया कि गंवई राजनीति व विपक्षी के दबाव में आकर पड़ोसी उसे उक्त ध्वस्त कच्चे मकान से बाहर नहीं आने दे रहे थे।
एक तरफ जहां सरकार आवास के नाम पर करोड़ो अरबों रुपए खर्च कर रही है वहीं ग्राम प्रधान द्वारा सिर्फ दिवाल जोड़वाने की बात कही गई।
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