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हमारे यहां कि बनी गुलाब शकरी की मांग देश और विदेश में भी बहुत है -आकाश कुमार मोदनवाल


【इमरान खान】

सिकन्दरपुर (बलिया)। लू व गर्मी के दिनों में यूँ तू बाजारों में अनेक तरह के शीतल पेय पदार्थ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने लगते हैं।परंतु इन सब में शुद्ध देशी विधि से निर्मित सिकन्दरपुर की गुलाब शरकरी का अपना एक अलग ही स्थान है।

विशिष्ट गुणों के कारण  ग्रीष्मकाल में सिकन्दरपुर के इस गुलाब शरकरी की मांग काफी बढ़ जाती है।यह संयोग ही है कि यह गुलाब शरकरी न केवल भारत बल्कि पूरे बिश्व में मात्र सिकन्दरपुर में ही निर्मित होती है।
इसकी खासियत यह है कि अन्य शीतल पेय जहां तरल रूप में होते हैं वहीं गुलाब शरकरी ही एकमात्र ऐसा पेय है जो ठोस रूप में होती है।इस में शीतलता,सुगन्ध और मिठास का जो अपूर्व संयोग है वैसा अन्य किसी भी पेय में नहीं पाया जाता है।इस के पीने से एक साथ मन,मस्तिष्क और काया तो शीतल हो ही जाती है।यह पेट को ठंडा व साफ करने में भी सहायक है।
आम तौर पर चीनी और देशी  गुलाब के फूल के संयोग से बनने वाली गुलाब शरकरी के जहां तक निमार्ण के विधि की बात है तो ।
तो इस में देशी चीनी के एक निश्चित मात्रा को निश्चित ताप पर खौलाया जाता है।चीनी जब एक निश्चित चाशनी (शीरा) बन जाती है तो उसे चूल्हा से उतार कर  कड़ाही में ही लकड़ी के डोई (दबीला) से तब तक चलाया जाता है जब तक कि वह चासनी भुरभुरा और बिल्कुल सफेद न हो जाय।चासनी के भूर भूरा हो जाने पर सूखे देशी गुलाब का फूल व अन्य सामान डाल कर तब तक उसे चलाया जाता है।जब तक कि गुलाब  का फूल उसमें अच्छी तरह से मिल न जाय।बाद में गुलाब का  फूल मिली उक्त भूर भूरे चीनी को लड्डू की भांति बांध दिया जाता है।अब पीने  के लिए गुलाब शरकरी तैयार ।बांधे गए एक लड्डू का वजन 40 से 60 ग्राम के बीच होता है।

इनसेट- 

एक खास बातचीत में स्वर्गीय प्रेम जी की मशहूर दुकान प्रेम मिस्ठान के ओनर उनके पुत्र अकाश कुमार मोदनवाल ने बतलाया कि हमारे दुकान पर गुलाब सकरी दादा परदादा के जमाने से ही बनाई जाती है। हमारे यहां कि बनी गुलाब शकरी की मांग देश और विदेश में भी बहुत है लोग दूर दूर से आकर हमारे यहां के बने गुलाब शकरी लेकर जाते हैं। गर्मी के दिनों में तो सिकंदरपुर क्षेत्र के अधिकतर लोग अपने रिश्ते नातेदारों के पास गुलाब शकरी ही लेकर जाते हैं।

 जिस विधि से हमारे  दादा परदादा बनाया करते थे ठीक उसी विधि से आज भी हमारे यहां गुलाब शकरी तैयार की जाती है। कहा कि गुलाब शकरी के लिए चीजों का देसी होना बहुत जरूरी है जैसे कि देसी चीनी इसमें मिलाए जाने वाला गुलाब भी देसी होता है जो सिकंदरपुर में ही पैदा किया जाता है जिसके नाम से सिकंदरपुर मशहूर भी है। गुलाब शकरी की खासियत यह है कि इसमें वह चीजें ही डाली जाती है जिसकी तासीर ठंडी होती है। इसमें कुछ जड़ी बूटी भी मिलाई जाती हैं जिस की तासीर ठंडी होती है। उन्होंने बतलाया कि गुलाब शकरी अंग्रेजी शासन से पहले से ही सिकंदरपुर में बनाई जाती आ रही है।

गुलाब शरकरी के सेवन की विधि--गुलाब शरकरी का एक लड्डू एक गिलास पानी में डाल दिया जाता है।पानी में डालने के कुछ क्षणों बाद ही लड्डू स्वतः घुल कर शर्बत के रूप में तब्दील हो कर पीने के लिए तैयार हो जाता है।इस कि सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी तरह की हानि नहीं पहुंचाता है।

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