मालदह, बलिया । 7 मार्च। स्थानीय तहसील के प्रांगण में (उत्तर प्रदेश खेत मजदूर सभा इकाई बलिया) के तत्वधान में विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया गया।
बुधवार की दोपहर में स्थानीय तहसील प्रांगण में
(उत्तर प्रदेश खेत मजदूर सभा इकाई बलिया) ने राष्ट्र पति के नाम तहसीलदार सिकन्दरपुर को 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा जिसमें ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा गया है कि आजादी के बाद 72 साल गुजर जाने के बाद भी दलित गरीब की बड़ी आबादी भूमि हीन और गृह विहीन है। जंगलों पहाड़ों सरकारी भूखंडों ग्राम समाज की जमीन नदी तालाबों नहरों के तट बंधों सड़कों के किनारे तथा व्यवस्था में बसाए गए करोड़ों बंधुआ मजदूर परिवार ऐसे हैं जिन्हें आवास भूमि का पट्टा नहीं मिला है।
अब तो सुदूर गांव तक भूमि बाजार के विस्तार ने दलित गरीबों के वास-आवास के समक्ष नई मुसीबत खड़ी कर दिया है। अतिक्रमण और स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना वैकल्पिक आवास के लाखों परिवारों को उजाड़ दिया गया है। या नोटिस थमा दिया गया है ।
इसके साथ- साथ समस्या को लेकर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी के समक्ष धरना दिया। पत्र के माध्यम से भारत सरकार से निम्नलिखित मांगें की गई हैं।
1- जो लोग जहां बसे हैं के आधार पर राष्ट्रीय आवास नीति बने जिसे संवैधानिक मौलिक अधिकार का दर्जा हासिल हो। 2 - दलित गरीब और मजदूर बस्तियों में झुग्गियों को नियमित और अधिकृत किया जाए तथा उसके पुनरुद्धार का विशेष अभियान चलाया जाए।3- नदियों से कटाव तथा सरकारी योजनाओं से विस्थापित परिवारों के लिए विशेष आवासीय कॉलोनी बनाई जाए।4 आवासीय भूखंडों एवं मकानों की सीलिंग(हदबन्दी) तय हो एवं शहरी हद बंदी का सशक्त कानून बनाने का निर्देश राज्यों को दिया जाए। 5- दलित आदिवासियों अन्य वंचित समूह तथा मजदूरों के आवास पर जीडीपी का कम से कम 6% खर्च किया जाए।6- सबके लिए पेयजल एवं उपयुक्त शौचालय तथा पानी के निजीकरण पर रोक लगाई जाए ग्रामीण क्षेत्रों में सभी दलित भूमिहीनों के लिए 10 डिसमिल आवासीय भूखंड की व्यवस्था किया जाए ताकि वह पशुपालन और अन्य जरूरी कामों को पूरा कर सकें। 7- ग्राम सभा सीशोर टायर स्थित भाकपा माले कार्यालय की जमीन की तत्काल पैमाइश किया जाए। 8 - खरीद दरौली पीपा पुल किया जा रहा अवैध वसूली बंद किया जाए। 9- मनरेगा मजदूरों को काम दिया जाए तथा बकाया मजदूरी के भुगतान किया जाए।10- वृद्धा विधवा विकलांग पेंशन बनाया जाए।
रिपोर्ट- आशुतोष कुमार
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