बंशीबाज़ार, बलिया । 10 फरवरी । बसंत पंचमी का पर्व रविवार को जिले भर में श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया । इस अवसर पर मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए। स्कूलों में सरस्वती पूजन सहित विविध कार्यक्रम भी हुए।
क्षेत्र के आर एस एस गुरुकुल अकादमी कटघरा बंशीबाजार में बसंत पंचमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई।
उसके बाद विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने मां शारदा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक जय प्रताप सिंह ने बच्चों को बसंत पंचमी का पौराणिक एवं सांस्कृकि महत्व के बारे में समझाते हुवे कहा कि ,बसंत पंचमी के दिन को मां सरस्वती (सरस्वती पूजा) का जन्मदिवस माना जाता है। हिंदु धर्म में प्रचलित कथा के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की सरंचना की थी,एक ऐसी देवी जिनके चार हाथ थे, एक हाथ में वीणा, दूसरे में हाथ मे पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था. ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती से वीणा बजाने को कहा, जिसके बाद संसार में मौजूद हर चीज़ में स्वर आ गया।
इसलिए ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को वाणी की देवी नाम दिया. इसी वजह से मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला की देवी कहा जाता है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की खास पूजा की जाती है. कहा कि अगर आप भी ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करेंगे, तो बुद्धि में विकाश होगा तथा इस ज्ञान की देवी मां सरस्वती की कृपा होगी तथा आप जीवन में उच्च शिखर प्राप्त करेंगे।
कार्यक्रम में सोनू यादव ,सीता राम यादव ,विजय गुप्ता,सूरज तथा हरे राम यादव आदि शिक्षक गण मौजूद रहे।
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