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शहीद सैनिकों के सम्मान में सड़क पर उतरा मुस्लिम समाज लगाए पाकिस्तान मुर्दा बाद के नारे




सिकन्दरपुर, बलिया। 19 फरवरी। फूलों के नगरी में फूटा मुस्लिम समाज का गुस्सा ,पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध व देश के शहीद सैनिकों के सम्मान में सड़क पर उतरा मुस्लिम समाज।

सोमवार की शाम को बस स्टैंड चौराहे पर शहर काजी  हामीदुल कादरी,शेख अहमद अली (संजय भाई)  जावेद इकबाल अंसारी करी फिरोज इक़बाल अहमद हिंदी व नज़रुल बारी के नेतृत्व में मुस्लिम समाज ने जुलुश निकाल कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
 इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
नगर के मोहल्ला गंधी ( बड़ी मीनार) के प्रांगण से मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलवामा हमले के शहीदों के सम्मान में एक विशाल कैंडल मार्च व जुलुश निकाला जिसमे हजारों के संख्या में युवाओं बच्चों व एवं वरिष्ठ नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा पाकिस्तान मुर्दा बाद के नारे लगाए। लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा देखा गया। जुलुश चौक बाजार जल्पा स्थान व न्यू मार्केट से होते हुवे बस स्टेशन चौराहे पर पहुंच कर श्रद्धांजलि (शोक सभा) सभा मे परिवर्तित हो गया। तथा लोगों ने शहीदों के सम्मान में 2 मिनट का मौन धारण किया ततपश्चात राष्ट्र गान गाया गया।

इस अवसर पर शहरे काज़ी हामीदुल क़ादरी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।  इसको दुनिया की कोई भी ताकत हमसे अलग नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि आज जो हमारे सामने हुआ है उससे हर पर्द आज बिरादरी से नहीं धर्म से नहीं मजहब से नहीं बल्कि मुल्के हिंदुस्तान के आबरु और उसके वकार के लिए एक होकर के अपने उन मरने वाले जिनके साथ जाबिरना तालिबान दहशतगर्दी हरकत शुरु किया गया है हम इस देश में किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे हम एक एक गद्दार ए वतन से उन शहीदों का बदला लेकर रहेंगे और हम उन 42 शहीदाने हिंदुस्तान जिन्होंने सरहद पे अपनी जाने दे कर के हिंदुस्तान की इज्जत को बचाया है। उनके लिए खैराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि ) पेश करते हैं। उनके घर वालों के साथ उनके गम में बराबर के शरीक हैं और आज हम हिंदुस्तान के अपने हुकूमत से भी ये मोतालिबा करते हैं की जो हिंदुस्तान के अमन को शांति को सुकून को प्रेम को आपसी मोहब्बत और भाईचारे को  मुल्क के बाहर का कोई ताकत हमारे इत्तेहाद को मजरूह करना चाहता है।

तो वह ये जान ले इतिहास गवाह है हम सर दे देंगे मगर हिंदुस्तान के परचम को झुकने नहीं देंगे हम अपने प्रधानमंत्री से मोतालेबा करते हैं। कि सरहद पार उनकी चौकियों को निस्तो नाबूद करदें हम तन मन धन से आपके साथ हैं।

इस अवसर पर अलहाज शेख अहमद अली उर्फ संजय भाई ने कहा कि पुलवामा हमले में जो सैनिक शहीद हुए हैं वह भारत के वीर सपूत थे हम भी भारत के सपूत हैं हम लोगों में एक ज्वालामुखी अंदर से उबल रहा। थी कब हिंदुस्तान से अटैक करके सन 1971 की तरह पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा दें कहा कि माहौल बहुत गर्म चल रहा है ।
हम हमें हर किस्म  के लोग होते हैं कुछ बद दिमाग होते हैं कुछ बदतमीज होते हैं इस वक्त हमें सब्र की जरूरत है और ताकत की जरूरत है अपने अपने तिजोरी यों को खोल कर रखें जब भारत की सेना हमसे मांगे गी तो सारा दौलत देश की सेना पर लुटा देंगे।

इनसेट- 

मोहल्ला गंधी बड़ी मीनार के सदर नजरुल बारी ने कहा कि पाकिस्तान अगर यह समझ रहा है कि भारत के मुसलमानों से गद्दारी करा पाएगा तो यह उसकी भूल है हम उसकी ईट से ईट बजा देंगे जिस दिन एक उंगली उठाएगा हम उसकी ईट से ईट बजा देंगे।

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