सिकन्दरपुर(बलिया)20 जनवरी।नगर के बस स्टेशन चौराहा स्थित बालूपुर मार्ग पर शनिवार को सुबह आग से संदिग्धावस्था में बुरी तरह से झुलसी जूली देवी(38)पत्नी सन्तोष कुमार गुप्त की शनिवार की रात में वाराणसी के अस्पताल में मौत हो गई।
जहां इलाज हेतु उसे भर्ती कराया गया था।उसकी मौत की सूचना मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया।सभी सदस्य दहाड़ें मार कर रोने लगे।उनके करुण क्रंदन से वहां सांत्वना देने आए इष्ट मित्रों व पड़ोसियों की भी आंखें आंसुओं से भर -भर जा रही थीं।
उधर जूली की मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी सतर्क हो गई थी।चौकी प्रभारी सत्येन्द्रकुमार राय हमराही मनोज कुमार के साथ तत्काल बलिया के लिए रवाना हो गए जहां जूली का शव आना था।बलिया में वाराणसी से शव आते ही उन्होंने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद उसे पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।
पड़ोसियों के अनुसार परिवार के सभी सदस्य पहले बस स्टेशन चौराहा के समीप स्थित पुराने मकान में ही रहते थे।जहां जूली का अपनी सास से नहीं पटती थी।बात-बात पर उनमें झगड़ा होता रहता था।बाद में जब बालूपुर मार्ग पर नया मकान बन गया तो सन्तोष अपनी पत्नी जूलीएवं पुत्र निशा(18),पुत्रगण शिवम(16) सूरज (13)के साथ उसमें रहने लगा।नए मकान में आने पर कुछ समय तो सब ठीक-ठाक रहा।बाद में यहां सन्तोष व जूली में भी अक्सर विवाद होने लगा।शुक्रवार की रात में भी पति-पत्नी में किसी बात पर विवाद हो गया था। रोजाना की भांति सन्तोष शनिवार को भी सुबह सात बजे मकान में बाहर से ताला डाल कर अपने दोनों पुत्रों के साथ पुराने मकान में स्थित अपने किराना की दूकान पर चले गए।करीब 9 बजे उनके नए मकान के अंदर से धुआं उठता देख और किसी महिला के शोर की आवाज से पड़ोसियों के कान खड़े हो गए।और जो जहां ही था सभी सन्तोष के मकान की तरफ चल दिया।अंदर किसी अनहोनी की आशंका वश लोगों ने दरवाजे पर लगे टाला को तोड़ कर मकान के अंदर घुस गए।वहां की स्थिति देख सभी सन्न रह गए।लोगों ने तत्काल पुलिस के साथ ही सन्तोष को भी घटना के बारे में सूचना दिया।सूचना पर मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी ने एम्बुलेंस बुला करबुरी तरह से झुलसी जूली को इलाज हेतु सी एच सी भिजवाया।
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