इस विश्व पटल पर भारत में
मोदी की जय जयकार सुनी
ये सचमुच भाग्य विधाता है
थी जनता की ये पुकार सुनी।
कितने वर्षों के बाद कहीं
मुस्कान गरीबों की आई
देदीप्यमान तारों जैसे
श्री मोदी ने कुर्सी पाई।
गांवों, शहरों की जनता क्या
गलियों में भी दिवाली थी
मोदी जी कुर्सी तुम्हें मिली
और घर-घर में खुशहाली थी।
क्यों अब तक सब कुछ ख्वाब रहा
न कुछ भी हुआ गरीबों पर
कुर्सी तुमको उसने सौपीं
और हुआ हिसाब अमीरों पर।
तुम मन की बात जो करते हो
ये मन की बात तुम्हारी है,
अब तनिक नहीं बर्दाश्त हमें
यह मन की बात हमारी है।
जनता की सुध अब भी ले लो
जो वक्त बचा उनको दे दो
तुम सचमुच युग निर्माता हो
जो टूट गए उनको जड़ लो।
आरक्षण को तलवार समझ
अपनों की गर्दन काट रहे है
यदि यह निर्णय जो ना बदला
यह प्रजातंत्र है याद रहे।
कुछ तो इज्जत की फिक्र करो
जयकार तुम्हारी क्या होगी,
हम ”कमल” भक्त कहलाते हैं
पहचान हमारी क्या होगी।
प्रणव मणि त्रिपाठी
8953220856
महावीर धाम सोसाइटी युवा रसड़ा,बलिया
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