इसे समझो ना रेशम का तार भैया"मेरे राखी का मतलब है प्यार भैया
सिकन्दरपुर/बलिया-भारत देश त्योहारों व परंपराओं का देश है यहां प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं । हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है इन्हीं में से एक त्यौहार है रक्षाबंधन । रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है। रक्षाबंधन हिंदू समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जो श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है"यह रक्षाबंधन का त्यौहार सामान्यतः जुलाई या अगस्त में आता है" रक्षाबंधन के त्यौहार को राखी का त्यौहार भी कहते हैं। इस त्योहार में राखी का सबसे अधिक महत्व होता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जिसमें बहनों और भाइयों के बीच प्रेम और ज्यादा बढ़ जाता है और एक दूसरे के प्रति आदर सम्मान व ख्याल रखने का भाव बढ़ जाता है।
रक्षाबंधन के अवसर पर बाजार में विशेष चहल-पहल होती है । रंग-बिरंगी राखियों से दुकानों की रौनक बढ़ जाती है । लोग तरह-तरह की राखी खरीदते हैं
हलवाई की दुकान पर बहुत भीड़ होती है । लोग उपहार देने तथा घर में प्रयोग के लिए मिठाइयों के पैकेट खरीदकर ले जाते हैं ।
इस त्योहार में बहने अपने भाईयों के हाथ में राखी बांधती है ।और भाई के सुखमय जीवन की कामना करती है। भाई भी अपनी बहनो को किसी भी तरह की मुसीबत से बचाने का प्रण लेते है।
रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह भाई - बहन नहा-धोकर साफ-सुथरा कपड़ा पहन कर राखी बांधने की तैयारीयों में लग जाते हैं। इस दिन बहन सबसे पहले अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती है और फिर उसे चंदन का टीका लगाती है।
टीका लगाने के बाद बहन अपने भाई का आरती उतारती है और फिर मिठाई खिलाती है। उसके बाद भाई अपनी बहन को अपनी अपनी हैसियत के हिसाब से उपहार देते है।
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