....हम वृक्ष नही कटने देंगें...
निज लालच के वश में होकर
अपनी दुनियां ही जला रहे
अच्छे शिक्षित होकर के भी
अपनों की दुनियां मिटा रहे।
खाना, रहना,गाड़ी बंगला
तुम्हें सबकुछ बड़ा बनाना है
फिर वृक्ष क्यों ऐसे काट रहे
सांसों को भी तो बचाना है।
इतने शिक्षित होकर के भी
वृक्षों का रक्षण नही किया
फिर मान ही लेना जीवन में
तुमने शिक्षा ही नही लिया।
ये हरियाली देते हमको
खुशहाली देते रहतें हैं
जीवन से बड़ा कहाँ कुछ है
ये प्राण वायु जो देते हैं।
एक वृक्ष लगाने में सोचो
बरबाद हमारा क्या होगा
यदि हर एक जीव को स्वाँस मिले
नुकसान तुम्हारा क्या होगा।
आओ संकल्प अभी ले लें
हरियाली क्यों हटने देंगें
चाहे दुनियां कुछ भी बोले
हम वृक्ष नही कटने देंगें।।
✍ प्रणव मणि त्रिपाठी
मो. 8953220856
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